राजनीतिक चालें चलने के लिए चुनाव में अस्थायी रूप से स्थापित किए जा रहे हैं दल !
मुंबई, २२ मार्च (समाचार) – लोकसभा एवं विधानसभा के चुनाव में राजनीतिक हुडदंग करने हेतु अस्थायी रूप से अनेक दलों की स्थापना की जा रही है । चुनाव के उपरांत यह दल कुछ कार्य नहीं करते, तब भी ‘राजनीतिक दल’ के रूप में मान्यता प्राप्त होने से चुनाव आयोग को इन दलों से वार्षिक लेखा परीक्षण विवरण (रिपोर्ट) एवं आयकर विवरण प्रस्तुत करने के लिए अनुवर्ती प्रयास करने पडते हैं । पिछले ८ वर्षों में इस प्रकार चुनाव आयोग को लेखा प्रस्तुत न करनेवाले महाराष्ट्र के २१९ राजनीतिक दलों की मान्यता रद्द की गई है ।
Parties formed temporarily for political machinations.
219 political parties in #Maharashtra, which have failed to submit accounts for the past 8 years, have been deregistered.
Along with the deregistration of such parties, strict penalties should be imposed on those… pic.twitter.com/hehS9QKSKo
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) March 23, 2024
१. लोकतंत्र में कोई भी संस्था अथवा संगठन यदि चुनाव लडना चाहता है, तो उसके लिए चुनाव आयोग से आवश्यक कागदपत्र एवं जानकारी की आपूर्ति कर ‘राजनीतिक दल’ के रूप में मान्यता प्राप्त हो सकती है एवं चुनाव लड सकते हैं ।
२. ‘राजनीतिक दल’ के रूप में मान्यता प्राप्त होने के उपरांत, उस दल को चुनाव होने के उपरांत १ वर्ष के अंदर चुनाव आयोग को वार्षिक लेखा परीक्षण एवं आय का विवरण प्रस्तुत करना अनिवार्य होता है । परंतु अस्थायी स्थापित किए गए अधिकांश दल यह जानकारी चुनाव आयोग को देते ही नहीं हैं । ऐसे दल विवरण प्रस्तुत करें, इसलिए राज्य चुनाव आयोग द्वारा उनसे पत्रव्यवहार किया जाता है । उसके लिए एक और वर्ष का समय दिया जाता है ।
३. अधिकांश राजनीतिक दल अस्थायी रूप से राजनीतिक हुडदंग हेतु स्थापित किए जाने से उसकी अनदेखी करते हैं । ध्यान में आया है कि चुनाव आयोग द्वारा पिछले ८ वर्षों में ‘राजनीतिक दल’ के रूप में मान्यता रद्द किए गए अधिकांश दल इसी प्रकार के हैं ।
संपादकीय भूमिकाऐसे दलों की मान्यता रद्द करने के साथ ही संबंधितों को कठोर दंड देना आवश्यक ! |