मुंबई, १९ मार्च (न्यूज़)- महाराष्ट्र के गढ़चिरौली तथा गोंदिया जिले के ५ मतदान केंद्र नक्सल प्रभावित हैं । नक्सली कार्रवाई की आशंका के कारण इन मतदान केंद्रों पर लोकसभा चुनाव का मतदान अपराह्न तीन बजे रोक दिया जाएगा तथा सुरक्षा कारणों से मतदान के तुरंत बाद मतदान मशीनों को हेलीकॉप्टर से सुरक्षित स्थान पर ले जाया जाएगा । इसके लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने केंद्रीय गृह विभाग से ५ हेलीकॉप्टर मांगे हैं । गढ़चिरौली तथा गोंदिया में १९ अप्रैल को मतदान होगा ।
१. गोंदिया जिले में लोकसभा चुनाव के लिए २ मतदान केंद्र अर्जुनी-बोरगांव तथा आमगांव नक्सल प्रभावित हैं, जबकि गढ़चिरौली जिले के सभी मतदान केंद्र अहेरी, अरमोथी एवं गढ़चिरौली को नक्सल प्रभावित घोषित किया गया है ।
२. चुनाव प्रक्रिया के सुरक्षित संचालन को सुनिश्चित करने के लिए इन नक्सल प्रभावित मतदान केंद्रों पर मतदान से ३ दिन पहले तक राज्य आपदा सुरक्षा बल तथा केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल के जवान तैनात रहेंगे । संबंधित कलेक्टर ने इस स्थान पर अतिरिक्त सुरक्षा के लिए चुनाव आयोग तथा गृह विभाग को पत्र भेजा है ।
३. २००९ में महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से ३ दिन पहले नक्सलियों के आक्रमण में १७ पुलिसकर्मी मारे गए थे । चुनाव के समय महाराष्ट्र में किया गया यह बड़ा नक्सली आक्रमण था । इस पृष्ठभूमि में गढ़चिरौली तथा गोंदिया के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में बड़ी सुरक्षा व्यवस्था की जाएगी ।
#LokSabhaElections2024 update.
➡️ Voting machines at 5 Naxal-affected polling stations in #Maharashtra, will be immediately moved to a safe place by helicopter.
➡️ It is unfortunate that during this 'Amrit kal (golden era)' of India, voting is taking place under the dark clouds… pic.twitter.com/AqjkCAlHCG
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) March 19, 2024
गढ़चिरौली में ४ नक्सली ढेर !
लोकसभा चुनाव की पृष्ठभूमि पर महाराष्ट्र पुलिस को सूचना मिली थी कि गढ़चिरौली के जंगलों में एक बडा षड्यंत्र रचा जा रहा है । उन्होंने सीआरपीएफ के विशेष कमांडो सी-६० के साथ कार्रवाई की । उन्होंने नक्सली गोलीबारी का प्रतिउत्तर देते हुए ४ नक्सलियों को मार गिराया । बहुत देर तक मुठभेड़ चलती रही । नक्सलियों के पास से एके-४७ तथा अन्य हथियार भी बरामद किए गए हैं । कहा गया है कि सुरक्षा बलों की कार्रवाई जारी रहेगी ।
संपादकीय भूमिकानक्सलवाद की आड़ में मतदान करना दुखद है । नक्सलवाद के समाप्त होने पर ही यह सब रूकेगा ! |