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नई देहली – १८ मार्च को चुनाव ‘बाँड’ सूत्र पर से सर्वोच्च न्यायालय ने ‘स्टेट बैंक ऑफ इंडिया’ को पुनः एकबार फटकारा है । मुख्यन्यायाधीश चंद्रचूड ने कहा कि एस.बी.आइ. को कोई लुकाछिपी नहीं करनी चाहिए । बैंक की वृत्ति उचित नहीं है । २१ मार्च अर्थात अगले ३ दिन में चुनाव राशि के विषय में पूरी जानकारी सार्वजनिक करने के निर्देश भी न्यायालय ने दिए हैं । साथ ही ऐसा निर्देश भी दिया गया है कि यह जानकारी चुनाव आयोग को अपने जालस्थल पर तुरंत प्रकाशित करनी होगी ।
Supreme Court reprimands State Bank of India again for issues with electoral bonds; CJI admonishes 'Your approach is incorrect, no more secrecy' and orders disclosure of details regarding political party donations and their amounts.#ElectoralBondsCasepic.twitter.com/7nur3yNjFv
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) March 18, 2024
१. ११ मार्च के निर्णय में न्यायालय द्वारा बैंक को ‘बाँड’ (रोखे), क्रय की दिनांक, लेनेवाले का नाम एवं पद की संपूर्ण जानकारी देने के निर्देश दिए थे; परंतु कौन से राजनीतिक दल को कौन से अर्पणदाता ने कितना धन दिया, यह बैंक ने छुपाया है । इस पर न्यायालय ने कहा है कि निश्चित की गई अथवा चुनी हुई जानकारी नहीं, अपितु सभी सविस्तार उजागर करें ! आपने अब तक यह जानकारी उजागर क्यों नहीं की ?
२. बैंक का पक्ष रखते हुए अधिवक्ता हरीश साळवे ने कहा कि हमें निर्णय की जानकारी मिलते ही हमने उसका पालन किया है । सब जानकारी उजागर करने के लिए कुछ अवधि की मांग की गई थी; परंतु उसपर भी मुख्यन्यायाधिश ने अप्रसन्नता व्यक्त की । न्यायालय ने कहा, ‘स्टेट बैंक ने ‘बाँड’ क्रमांक सार्वजनिक नहीं किए हैं । सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों का पालन करें एवं ‘बाँड’ का युनिक क्रमांक अर्थात ‘अल्फा न्यूमेरिक नंबर’ प्रस्तुत करें’, साथ ही शपथपत्र भी प्रविष्ट करें । उसमें लिखें, ‘हमने कोई जानकारी नहीं छुपाई है !’