निर्माता बोकाडिया ने कहा, ‘मैं मर जाऊंगा; परंतु चलचित्र से ‘जय श्रीराम’ शब्द नहीं हटाऊंगा’ !
मुंबई – ‘केंद्रीय चलचित्र परीनिरीक्षण मंडल अर्थात ‘सेंसर बोर्ड’ ने निर्माता-निर्देशक के.सी. बोकाडिया को उनके आगामी ‘तीसरी बेगम’ नामक हिन्दी चलचित्र से ‘जय श्रीराम’ शब्द हटाने को कहा है ।
बोकाडिया ने अपने ‘तीसरी बेगम’ नामक नए चलचित्र को प्रमाणपत्र देने के लिए ‘सेंसर बोर्ड’ को निवेदन दिया था । चलचित्र देखने के उपरांत ‘सेंसर बोर्ड’ के परीक्षक समिति ने उसे सेंसर प्रमाणपत्र देने से अस्वीकार कर दिया । ‘सेंसर बोर्ड’ का कहना है चूंकि इस चलचित्र में समाज में प्रचलित सामान्य घटना एक परंपरा के रूप में दिखाई गई है, इस कारण एक विशिष्ट समुदाय के विरुद्ध शत्रुता निर्माण होती है । ‘सेंसर बोर्ड’ ने बोकाडिया को चलचित्र ‘रिविजन कमिटी’ के पास भेजने के लिए १४ दिनों की समय-मर्यादा दी थी । तदनंतर बोकाडिया ने चलचित्रपट के सेंसर प्रमाणपत्र के लिए पुनः निवेदन दिया । तदनंतर ‘सेंसर बोर्ड’ ने के.सी. बोकाडिया को पत्र भेजकर चलचित्र ‘केवल प्रौढ लोगों के लिए’ इस प्रमाणपत्र के साथ प्रदर्शित करने की ‘रिविजन कमिटी’ द्वारा मिली अनुशंसा का संदर्भ देते हुए ‘तीसरी बेगम’ चलचित्र में १४ स्थानों पर परिवर्तन करने को कहा है । इसमें एक दृश्य में ‘जय श्रीराम’ शब्द हटाने को कहा गया है ।
बोकाडिया द्वारा दिया गया सुंदरकांड का संदर्भ !
बोकाडिया ने १४ सूत्रों में से ‘जय श्रीराम’ हटाने के सूत्र पर कहा कि उन्हें इसपर सबसे बडी आपत्ति है । श्रीराम हमारी आस्था के केंद्र हैं । जब आक्रमणकारी किसी व्यक्ति को जान से मार डालने के उद्देश्य से उस पर आक्रमण करता है, तब उस व्यक्ति द्वारा ‘जय श्रीराम’ का आश्रय लेना, अनुचित प्रमाणित नहीं हो सकता ।
‘श्रीरामचरित मानस’ के सुंदरकांड में विभीषण श्रीरामजी का आश्रय लेने आए तब भगवान श्रीरामजी ने विशद किए एक श्लोक का उदाहरण देते हुए बोकाडिया ने कहा, ‘यदि कोई आक्रमणकारी किसी व्यक्ति की जान लेने के उद्देश्य से आया हो तथा तब शरण आया व्यक्ति प्रभु श्रीराम का नामस्मरण करता है, तो क्वचित ही कोई उसे ‘जय श्रीराम’ कहने से रोकेगा । ‘तीसरी बेगम’ चलचित्र में संबंधित दृश्य भी ऐसा ही है, जिसमें एक व्यक्ति अपनी पहचान छुपाकर तीसरा विवाह करता है एवं उसके उपरांत अपनी भूल स्वीकार करता है तथा भगवान श्रीरामजी को अपनी जान बचाने की याचना करता है ।
के.सी. बोकाडिया ने ‘सेंसर बोर्ड’ द्वारा सुझाया परिवर्तन अस्वीकार कर दिया है । ‘सेंसर बोर्ड’ के अध्यक्ष प्रसून जोशी से भी उन्होंने अपना मत प्रस्तुत किया है । उन्होंने कहा है, ‘मैं मर जाऊंगा; परंतु चलचित्र से ‘जय श्रीराम’ शब्द नहीं हटाऊंगा । बोकाडिया ने चेतावनी देते हुए कहा है, ‘यदि ‘सेंसर बोर्ड’ मेरा चलचित्र प्रदर्शित नहीं होने देती, तो उसके विरुद्ध मैं उच्च न्यायालय में जाऊंगा ।’