पुणे जिले के राजगढ़ में पीने का पानी प्रदूषित है !

पुणे (महाराष्ट्र) – राजगढ किले के तालाबों में पर्याप्‍त पानी है; लेकिन स्‍वच्‍छता के अभाव के कारण वह जल प्रदूषित हो गया है । किले में पीने के पानी की कमी है । ऐसे में पर्यटकों को पानी खरीदना पड़ता है । किले में खाद्य विक्रेता मूल्‍य बढाकर पानी बेच रहे हैं । पुरातत्‍व विभाग द्वारा इसकी अक्षम्‍य उपेक्षा की जा रही है । शिव प्रेमियों की मांग है कि किले पर बने तालाब की सफाई कराकर उसका पानी पीने योग्‍य बनाया जाए । (शिव प्रेमियों को ऐसी मांग क्‍यों करनी पडती है? – संपादक)

१. पुरातत्‍व विभाग के चौकीदार किले पर रहते हैं । शाम ५ बजे के उपरांत वे किले के दरवाजे बंद कर पहरा देते हैं । चौकीदारों को छत्रपति शिवाजी के राजसदर के पीछे स्‍थित ’रनिवास ताल’ के झरनों से पानी लाना पड़ता है । चौकीदारों का कहना है कि प्रदूषित पानी के कारण किले में रहना कठिन हो गया है । (ऐसी स्‍थिति निर्माण करने के लिए उत्तरदायी पुरातत्‍व विभाग के अधिकारियों पर सरकार कब कठोर कार्रवाई करेगी ? – संपादक)

२. इस प्रकरण में पुरातत्‍व विभाग के संयुक्‍त निदेशक डॉ. विलास वाहणे ने कहा, ’’राजगढ़ के तालाबों में पर्याप्‍त पानी है । वर्तमान में पर्यटकों की संख्‍या बढ़ने के कारण पानी तुरंत समाप्‍त हो जाता है । अन्‍य तालाबों के पानी को शुद्ध कर पीने योग्‍य बनाया जाएगा । इसके लिए एक स्‍वतंत्र योजना तैयार की जा रही है ।’’ (क्‍या संयुक्‍त निदेशक चौकीदार के बयान पर कुछ कहेंगे ? – संपादक)

संपादकीय भूमिका 

निद्रिस्‍त पुरातत्‍व विभाग ! महाराष्ट्र में गढ-किलों की दुर्दशा के लिए उत्तरदायी पुरातत्‍व विभाग को विसर्जित करें !