लक्ष्मणपुरी (उत्तर प्रदेश) – हलाल प्रमाणपत्र देनेवाली संस्थाओं से संबंधित प्रतिष्ठानों की भी जांच उत्तर प्रदेश विशेष कार्य बल (एस्.टी.एफ्.) करनेवाला है । ‘एस्.टी.एफ्.’ की जांच में सामने आए १८ प्रतिष्ठानों के संचालकों को नोटीस भेजा गया है । हलाल प्रमाणपत्र देकर मिलनेवाले धन से अधिकांश राशि इन प्रतिष्ठानों को भेजी जाती है । इसके प्रमाण ‘एस्.टी.एफ्.’ को मिले हैं । इसीके साथ ये सभी संस्थाएं गैरकानूनी रुप से हलाल प्रमाणपत्रों का बंटवारा करती हैं, ऐसा भी इस जांच से सामने आया है ।
‘ईडी’ द्वारा भी होगी जांच !
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) हलाल प्रमाणपत्रों से संबंधित प्रतिष्ठानों के इन गैरकानूनी आर्थिक लेन-देन की जांच करनेवाला है । इस मामले में करोडों रुपयों की राशि अन्यत्र वर्ग की जाने का संदेह है । ‘ईडी’ इस पूरे मामले पर ध्यान केंद्रित कर गैरकानूनी आर्थिक लेन-देन की जांच करनेवाला है ।
आतंकवादियों को राशि पहुंचाने का संदेह !
उत्तर प्रदेश में हलाल प्रमाणपत्र देनेवाली संस्थाएं आतंकवादियों को राशि पहुंचाने में सम्मिलित हैं, ऐसा संदेह व्यक्त किया गया है । ‘हलाल प्रमाणपत्र देकर प्राप्त हुआ धन देशविरोधी कार्यवाहियां करने के लिए उपयोग में लाया जा रहा है क्या ?’, यह खोजने का कार्य उत्तर प्रदेश पुलिस कर रही है ।
‘जमियत उलेमा-ए-हिंद हलाल ट्रस्ट’ के प्रमुख महमूद मदनी की जांच
‘जमियत उलेमा-ए-हिंद हलाल ट्रस्ट’ के प्रमुख महमूद मदनी की हाल ही में उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष कार्य बल ने लक्ष्मणपुरी में ६ घंटे पूछताछ की । बनावटी हलाल प्रमाणपत्र देने के मामले में ट्रस्ट का सहयोग है, ऐसा आरोप होने के पश्चात महमूद मदनी को ‘एस्.टी.एफ्.’ ने समन भेजा था । ‘एस्.टी.एफ्.’ की टीम ने इसके पहले ही ‘हलाल कौन्सिल ऑफ इंडिया’ से संबंधित ४ लोगों को बंदी बनाया है ।
सरकारी अधिकारियों की गतिविधियों पर भी ध्यान !
इस अभियान में अब सरकारी विभागों के कुछ अधिकारियों की गतिविधियों पर भी ‘एस्.टी.एफ्.’ और ‘ईडी’ का ध्यान है । इसके पहले गृहमंत्रालय को दिए पत्र में दावा किया गया है कि, जमियत उलेमा-ए-हिंद, अल-कायदा, लष्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-महंमद जैसे आतंकवादी संगठन और आतंकवादियों का सीधा संबंध होने से भारत की सुरक्षा के लिए गंभीर संकट है । इसलिए ‘जमियत-उलेमा-ए-हिंद’ के कार्यभार की ‘एन्.आय.ए.’, ‘ईडी’और ‘सीबीआय’ द्वारा जांच की जाने की मांग गृहमंत्रालय से की गई है । ऐसी स्थिति में हलाल प्रमाणपत्र के गैरकानूनी धंधे में उलझने से ‘जमियत उलेमा-ए-हिंद’ की अडचनें और बढ सकती हैं ।
हलाल प्रमाणपत्र देनेवाले संगठनों के विरुद्ध उत्तर प्रदेश सरकार का सीधा कार्यवाही अभियान !
कोई अधिकार न होते हुए भी खाद्यपदार्थ, सौंदर्यप्रसाधन जैसे वस्तुओं के लिए प्रतिष्ठानों को हलाल प्रमाणपत्र देकर उनसे धन लुटनेवालों के विरुद्ध उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने नवंबर २०२३ में कार्यवाही करने के आदेश दिए थे । इस आदेश के उपरांत लक्ष्मणपुरी पुलिस ने हलाल प्रमाणपत्र देनेवाली इस्लामी संस्थाओं पर अपराध प्रविष्ट किया था ।
क्या है हलाल प्रमाणपत्र ?
मुसलमानों में ‘हलाल’ (इस्लाम धर्मानुसार उचित) उत्पादों का उपयोग उचित माना जाता है । इनमें खाद्यपदार्थाें के साथ अन्य उत्पाद भी समाविष्ट हैं । इन उत्पादों में मुसलमानों के लिए जो ‘हराम’ है, अर्थात इस्लामनुसार अनुचित हैं, वे नहीं हैं । ऐसे उत्पादों को मुसलमान संस्थाएं ‘हलाल प्रमाणित’ होने का प्रमाणपत्र देती हैं । इसके बदले में सहस्रो रुपये लुटती हैं । ऐसे हलाल प्रमाणित उत्पाद इस्लामी देशों में निर्यात किए जाते हैं तथा भारत में भी वितरीत किए जाते हैं ।
संपादकीय भूमिकाहलाल प्रमाणपत्र देने के नाम पर अधिकांश इस्लामी संस्थाएं आतंकवादियों की सहायता कर रही हैं, ऐसा सामने आया है । ऐसे देशविघातक कृत्य करनेवालों के विरुद्ध सीधी कार्यवाही करनेवाली योगी सरकार का अभिनंदन ! देश के अन्य राज्य भी ऐसा प्रयत्न करें, ऐसा ही हिन्दुओं को लगता है ! |