मुंबई उच्च न्यायालय ने मीरा-भाईं दर में सकल हिन्दू समाज को मोर्चा निकालने की अनुमति प्रदान की !

पुलिस ने भाजपा विधायक श्री. टी. राजासिंह के विरुद्ध पूर्व में प्रविष्ट अपराधों का संदर्भ देते हुए अनुमति की थी अस्वीकृत !

मुंबई – मीरा-भाईं दर में पुलिस ने भाजपा विधायक श्री. टी. राजसिंह के विरुद्ध प्रविष्ट अपराधों का संदर्भ देते हुए सकल हिन्दू समाज के मोर्चे की अनुमति अस्वीकृत की थी । इस प्रकरण में भाईं दर के नरेश निळे ने मोर्चा और सभा की अनुमति पाने के लिए मुंबई उच्च न्यायालय में अधिवक्ताओं के माध्यम से याचिका प्रविष्ट की थी । 23 फरवरी को मुंबई उच्च न्यायालय ने प्रकरण की सुनवाई कर कार्यक्रमों के लिए अनुमति प्रदान की ।

विधायक श्री. टी. राजा सिंह

नरेश निळे ने छत्रपति शिवाजी महाराज की शिवजयंती के दिन शोभायात्रा निकालने की अनुमति मांगी थी; परंतु 19 फरवरी को प्रधानमंत्री का आगमन होने के कारण पुलिस ने आयोजकों से बैठक स्थगित करने का अनुरोध किया । तदुपरांत श्री निळे ने ’25 फरवरी की शोभायात्रा में भाजपा विधायक श्री. टी. राजा सिंह उपस्थित रहेंगे । कृपया सभा हेतु अनुमति दें ।’, ऐसा लिखित आवेदन दिया था ।

उसके उत्तर में पुलिस ने कहा कि ‘श्री. टी. राजासिंह पर अनेक आपराधिक प्रकरण हैं, साथ ही एक माह पूर्व मीरा-भाईं दर में दंगा हुआ था ‘, ऐसा कारण बताकर शोभायात्रा और सभा की अनुमति अस्वीकार की ।

अतः श्री निळे ने अधिवक्ता सुरेश कुलकर्णी और अधिवक्ता विनोद सांगवीकर के द्वारा मुंबई उच्च न्यायालय में ‘शोभायात्रा और सभा को अनुमति प्रदान करने’ के लिए याचिका प्रविष्ट की । 23 फरवरी को उच्च न्यायालय में हुई सुनवाई के दौरान अधिवक्ताओं ने इस पर बहस की और इसे मौलिक अधिकारों का उल्लंघन बताते हुए शोभायात्रा और सभा को अनुमति देने की मांग की । उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति रेवती डेरे-मोहिते और न्यायमूर्ति दिघे ने पुलिस को शोभायात्रा और सभा हेतु अनुमति देने का आदेश दिया । इस प्रकरण में अधिवक्ता खुश खंडेलवाल और अधिवक्ता विनोद सांगवीकर ने अधिवक्ता सुरेश कुलकर्णी की सहायता की ।