जावेद बंदी बनाया गया ।
मुजफ्फरनगर (उत्तर प्रदेश) – उत्तर प्रदेश पुलिस के ‘विशेष कार्य बल’ (एस.टी.एफ.) की टुकड़ी ने मुजफ्फरनगर के खालापार परिसर से ४ टाइमर बम जप्त किए हैं । ‘टाइमर बम’ में एक उपकरण बैठाया गया होता है, जिससे विस्फोट का समय निर्धारित किया जाता है । इस घटना में पुलिस ने जावेद नाम के एक मुसलमान युवक को बंदी बनाकर जांच आरंभ कर दी है । बम निष्क्रिय करने वाले दल को भी मेरठ से बुलाया गया है । ऐसा बताया जा रहा है कि यह टाइमर बम मुजफ्फरनगर में बना था । (मुजफ्फरनगर में बम बनने की जानकारी न हो पाना पुलिस के लिए लज्जाजनक ! – संपादक)
(सौजन्य : Republic Bharat)
१. यह बम खालापार परिसर में रहने वाली महिला ने मंगवाया था, यह बात जांच के समय जावेद ने बताई है । इस महिला को पुलिस ढूंढ रही है । (जिहादी आतंकवादी कृत्यों में महिलाओं के भी सम्मिलित होने का यह है उदाहरण ! – संपादक)
२. ‘एस. टी.एफ.’ के पुलिस अधीक्षक ब्रिजेश कुमार सिंह ने बताया कि इसके पहले भी इस आरोपी ने टाइमर बम बनाया था । (यदि पुलिस ने उसी समय इस पर कार्यवाही की होती, आज यह समय नहीं आता ! – संपादक)
३. जावेद के दादा फटाखे बनाने का काम करते थे । उन्हीं से उसने बम बनाना सीखा था । पश्चात उसने ‘यू ट्यूब’ के माध्यम से अत्याधुनिक बम बनाना सीखा ।
संपादकीय भूमिका‘आतंकवादी घटनाओं में सदैव एक विशिष्ट धर्म के लोगों को क्यों बंदी बनाया जाता है, इस प्रश्न का उत्तर धर्मनिरपेक्षता का ढोल पीटने वाले देंगे क्या ? |