Dehli Farmers Agitations : देहली की शंभू सीमा से आंदोलक किसानों का देहली में घुसने का प्रयत्न !

  • पुलिस द्वारा रोकने पर पथराव

  • पुलिस ने छोडे आंसू गैस के गोले

  • रबड की गोलियों का उपयोग !  

नई देहली – केंद्र सरकार के ३ कृषी कानूनों के विरुद्ध वर्ष २०२१ में मुख्यतः पंजाब और हरियाणा के किसान संगठनों ने देहली की सीमाओं पर लगभग पूरे वर्ष आंदोलन किया था । इसके पश्चात अब फिर से किसान आक्रमक हुए हैं । न्यूनतम आधारभूत मूल्य के लिए (सुनिश्चित कीमत) कानून करने की प्रमुख मांग को लेकर पंजाब और हरियाणा के सहस्रो किसानों ने फिर से एक बार राजधानी देहली में घुसने का प्रयत्न किया । किसान ट्रैक्टर और ट्रक लेकर देहली की सीमा पर पहुंच गए । वे देहली में घुसने का प्रयत्न कर रहे थे, तब शंभू सीमा पर पुलिस के साथ उनकी भिडंत हुई । किसानों ने शंभू सीमा के फ्लाइओवर (हवाई) पूल पर लगाए बैरिकेड्स तोडकर फेंक दिए । यहां पर किसानों को पुलिस ने रोका, तब उन्होंने पुलिस पर पथराव किया । इस समय पुलिस ने आंसू गैस के गोले भी छोडे । साथही रबड की गोलियों से गोलीबारी भी की । इसलिए यहां पर तनावपूर्ण स्थिति उत्पन्न हुई है । पुलिस ने सैंकडो किसानों को नियंत्रण में लिया है । इसके अतिरिक्त सिंघु और गाजीपूर सीमा से भी किसान देहली में घुसने का प्रयत्न कर रहे हैं । वहां पर भी तनाव निर्माण हुआ है ।

(सौजन्य : India Today) 

१. चंडीगढ में केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों ने पूरे देश के विविध किसान संगठनों के प्रतिनिधियों से चर्चा की । इस समय कृषी मंत्री अर्जुन मुंडा, गृहराज्य मंत्री नित्यानंद राय और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल इसमें सम्मिलित हुए थे; परंतु इसमें कोई समझौता नहीं हो पाया । इसलिए किसानों ने आंदोलन की घोषणा की । साथही इन किसानों ने १६ फरवरी को ‘भारत बंद’ का आवाहन किया है ।

२. बैठक के उपरांत किसान और श्रमिक समिति के मुख्य सचिव सर्वनसिंह पंधेर ने कहा कि यह सरकार केवल हमारा आंदोलन आगे ले जाना चाहती है । चर्चा के लिए उनके दरवाजे आगे भी खुले ही रहेंगे; परंतु किसानों की मांगे पूरी करने की इच्छाशक्ति होनी चाहिए । सरकार की इच्छा है, तो उन्हें न्यूनतम आधारभूत मूल्य (एम्.एस्.पी.) कानून और किसानों की अन्य मांगों का स्वीकार करना आवश्यक है ।

. इस आंदोलन में ‘संयुक्त किसान मोर्चा’ अधिकृत रुप से सम्मिलित नहीं हुआ है; परंतु अभी के इस आंदोलन में पूरे देश के २०० किसान संगठन शामिल हैं, ऐसा दावा इन संगठनों के नेता जगजित सिंह डल्लेवाल ने किया है ।

देहली में धारा १४४

सिंघु, टिकरी, गाजीपूर, नोएडा जैसी देहली की सीमाओं पर किसान पहुंचने कारण पुलिस ने सीमाओं की नाकाबंदी की है । इन सीमाओं से देहली में आनेवाले मार्गाें पर काँक्रीट ब्लॉक, बैरिकेड्स, कंटीले तार लगाकर भारी वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया है । रैपिड एक्शन फोर्स के साथ बडी संख्या में पुलिस तैनात की गई है । इन क्षेत्रों में तथा राष्ट्रीय राजधानी परिक्षेत्र में (एन्.सी.आर्.) अनुच्छेद १४४ अंतर्गत कर्फ्यू लागू की गई है । यहां पर मार्च निकाल ने पर प्रतिबंध लगाया गया है । साथही ट्रैक्टर जैसे भारी वाहनों के प्रवेश पर भी प्रतिबंध लगाया गया है ।

आंदोलक किसानों की मांगे

अ. न्यूनतम आधारभूत मूल्य के लिए कानून किया जाए और स्वामीनाथन् आयोग की अनुशंसाओं को (सिफारिशों को) लागू किया जाए

आ. किसानों का ऋण माफ किया जाए

इ. २ वर्ष पहले के आंदोलन में सम्मिलित किसानों पर प्रविष्ट किए अपराध निरस्त किए जाएं

ई. लखीमपूर खिरी हिंसाचार के पीडितों को न्याय दिया जाए

उ. ५८ वर्ष से अधिक आयु के किसान तथा श्रमिकों को प्रतिमाह १० सहस्र रुपयों का निवृत्तीवेतन लागू किया जाए

ऊ. भारत वैश्विक व्यापार संगठन से बाहर हो जाए

संपादकीय भूमिका

पुलिस द्वारा रोकने पर उनपर पथराव होता होगा, तो ऐसा ही कहना होगा कि इस आंदोलन में समाजविघातक शक्तियां सम्मिलित हैं !