Anand Ranganathan : ‘द टेलीग्राफ’ और अन्य प्रसार माध्यम ‘दीदी मीडिया’ की भूमिका निभा रहे हैं ! – डॉ. आनंद रंगनाथन

वैज्ञानिक और विचारधारक डॉ. आनंद रंगनाथन ने सुनाई खरी-खरी !

(बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को दीदी संबोधित किया जाता है । इस कारण उनकी चापलूसी करने वाले प्रसारमाध्यमों को ‘दीदी मीडिया’ कहा है ।) 

वैज्ञानिक तथा लेखक डॉ. आनंद रंगनाथन

कोलकाता – वैज्ञानिक तथा लेखक डॉ. आनंद रंगनाथन को ‘द टेलीग्राफ’ इस वृत संस्था ने शहर में आयोजित किए चर्चासत्र में बुलाया था । उस समय रंगनाथन ने ‘द टेलीग्राफ’ तथा अन्य प्रसारमाध्यमों को खरा-खरा सुनाते हुए ‘दीदी मीडिया’ ऐसा संबोधित किया । उन्होंने कहा कि ‘द टेलीग्राफ’ तथा अन्य प्रसारमाध्यम केंद्र की मोदी सरकार के विरोध में बहुत लिखते हैं; लेकिन बंगाल की ममता बनर्जी सरकार की गंभीर गलतियों की ओर अनदेखा करना, यह उनका स्वभाव बन गया है । इस समय ‘द टेलीग्राफ’ के आयोजकों ने रंगनाथन की आवाज दबाने का प्रयास किया; लेकिन रंगनाथन ने उपस्थित श्रोताओं को ‘मुझे ३० सेकंड बोलने के लिए मिल सकते हैं क्या ?’, ऐसा प्रश्न पूछा । उस समय श्रोताओं ने उत्साह से ‘हां’ कहा । आनंद रंगनाथन ने कहा कि, ‘दीदी मीडिया’ की चर्चा के बिना विषय अपूर्ण ही रहेगा । रंगनाथन के यह बताते ही दर्शकों ने जोर से तालियां बजाईं । ‘इस चर्चासत्र का आयोजन करने वाले वृत्तपत्र ने इन सभी प्रश्नों पर पत्रकार मौन रहें और न बोलें’, इस उद्देश्य से चर्चा का आयोजन किया है, ऐसा खुले तौर पर बताते हुए रंगनाथन ने ‘द टेलीग्राफ’ पर टिप्पणी की ।

रंगनाथन ने आगे कहा 

. पिछले कुछ वर्षों से राज्य सरकार से संबंधित कोई भी अनुचित वृत्त आने पर, मौन रखने की कला यहां के प्रसारमाध्यमों ने आत्मसात की है अथवा समाचारपत्र के २०वें पृष्ठ पर कहीं तो कोने में ऐसा समाचार छापकर उसे दबाया जा रहा है ।

२. बंगाल के एक प्राध्यापक द्वारा सरकार के विरोध में व्यंग्यचित्र (कार्टून) प्रसारित करने पर उसे थप्पड मारा गया और बंदी बनाया गया ।

३. मध्य रात्रि एक पत्रकार को उठाकर कारागृह में डाला गया ।

४. खून, आगजनी तथा लूटमारकर यहां २० सहस्र पंचायत स्थानों पर विरोधी पार्टी के उम्मीदवारों को खडा होने से रोका गया । तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता मतपेटी से छेडछाड करते हैं, ऐसा जनता ने देखा है ।

५. उच्च न्यायालय का कहना है कि राज्य में चुनाव के उपरांत हिंसा के ६० प्रतिशत प्रकरणों में अपराध प्रविष्ट नहीं हुए ।

६. राज्य में धमकियों के डर से न्यायाधीश मुकदमों की सुनवाई करना टालते हैं ।

७. तृणमूल कांग्रेस से संबंधित लोगों के घरों से ४० करोड रुपए की रोकड जब्त की गई है ।

संपादकीय भूमिका 

प्रसार माध्यमों पर वार करते हुए अपना स्पष्ट तथा मजबूत मत रखने वाले डाॅ. रंगनाथन का अभिनंदन !