Shri Ram Mandir : मंदिर १६१ फीट ऊंचा है तथा इसमें ३९२ खंभे एवं ४४ प्रवेश द्वार हैं !

श्री राम जन्‍मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्‍ट ने दी श्री राम मंदिर के बारे में विस्‍तृत जानकारी ! 

अयोध्‍या (उत्तर प्रदेश) – २२ जनवरी को श्री राम के भव्‍य मंदिर का उद्घाटन किया जाएगा तथा मूर्ति स्‍थापित की जाएगी । इस पृष्ठभूमि पर श्री राम जन्‍मभूमि तीर्थयात्रा ट्रस्‍ट द्वारा मंदिर की विशेषताओं तथा सुविधाओं आदि के बारे में विस्‍तृत जानकारी ’एक्‍स’ पर पोस्‍ट की गई है । यह जानकारी इस प्रकार है ।

१. अयोध्‍या में श्री राम मंदिर का निर्माण परंपरागत नागर शैली में किया जा रहा है ।

२. मंदिर की लंबाई (पूर्व से पश्‍चिम तक) ३८० फीट, चौड़ाई २५० फीट तथा ऊंचाई १६१ फीट होगी ।

३.  मंदिर ३ मंजिला होगा । प्रत्‍येक मंजिल की ऊंचाई २० फीट होगी ।

४.  मंदिर में कुल ३९२ स्‍तंभ तथा ४४ प्रवेश द्वार होंगे।

५.  मुख्‍य गर्भगृह में भगवान श्री राम का बाल रूप होगा तथा प्रथम तल पर श्री राम दरबार होगा ।

६.  मंदिर में 5 मंडप होंगे, नृत्‍यमंडप, रंगमंडप, सभामंडप, प्रार्थना मंडप तथा कीर्तन मंडप ।

७.  मंदिर के खंभों तथा दीवारों पर देवी-देवताओं की मूर्तियां उकेरी जा रही हैं ।

८.  पूर्व दिशा में सिंहद्वार के माध्‍यम से ३२ सीढ़ियाँ चढ़कर मंदिर तक पहुँचा जा सकता है ।

९.  दिव्‍यांगों तथा वृद्धों के लिए मंदिर में प्रवेश तथा निकासी के लिए रैंप तथा लिफ्‍ट की व्‍यवस्‍था होगी ।

१०.  मंदिर के चारों ओर आयताकार परकोटा होगा । इसकी चारों दिशाओं में कुल लंबाई ७३२ मीटर तथा चौड़ाई १४ फीट होगी ।

११.  मंदिर के चारों ओर पार्क के चारों कोनों पर सूर्य देव, माता भगवती, गणपति तथा भगवान शंकर को समर्पित ४ मंदिर बनाए जाएंगे। उत्तरी भुजा में श्री अन्‍नपूर्णा का मंदिर तथा दक्षिणी भुजा में श्री हनुमान का मंदिर होगा ।

१२.  मंदिर के पास ही पौराणिक काल का सीताकूप होगा ।

१३.  मंदिर परिसर में प्रस्‍तावित अन्‍य मंदिर महर्षि वाल्‍मिकी, महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्‍वामित्र, महर्षि अगस्‍त्‍य, निषादराज, माता सबरी तथा ऋषिपत्नी देवी अहिल्‍या को समर्पित होंगे ।

१४. दक्षिण-पश्‍चिम क्षेत्र में भगवान शिव के प्राचीन मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया है तथा वहां जटायु की एक मूर्ति स्‍थापित की गई है ।

१५.  श्रीराम मंदिर के निर्माण में लोहे का प्रयोग नहीं किया है तथा न ही जमीन पर कंक्रीट बिछाई है ।

१६.  मंदिर के नीचे १४ मीटर मोटा ’रोलर कॉम्‍पेक्‍टेड कंक्रीट’ (आर.सी.सी) लगाया गया है । इसे कृत्रिम चट्टान का रूप दिया गया है ।

१७.  मंदिर को धरती की नमी से बचाने के लिए २१ फीट ऊंचे ग्रेनाइट मंडप का निर्माण किया गया है।

१८. मंदिर परिसर में सीवर उपचार तथा जल उपचार परियोजनाएं होंगी । साथ ही अग्‍निशमन के लिए पानी की व्‍यवस्‍था तथा स्‍वतंत्र ‘पावर स्‍टेशन’ का निर्माण किय गया है । जिससे बाहरी संसाधनो पर न्‍यूनतम निर्भरता रहे ।

१९. २५ हजार क्षमता वाले एक दर्शनार्थी सुविधा केन्‍द्र का निर्माण किया जा रहा है, जहां दर्शनार्थियों का सामान रखने के लिए लॉकर तथा चिकित्‍सा की सुविधाएं होंगी ।

२१. मंदिर परिसर में स्नानगृह, शौचालय, वॉश बेसिन, ओपन टैप्‍स आदि सुविधाएं होंगी ।

२२. मंदिर का निर्माण पूर्णत: भारतीय परंपरा के अनुरूप तथा स्‍वदेशी तकनीक से किया जा रहा है । पर्यावरण एवं जल संरक्षण पर विशेष ध्‍यान दिया जा रहा है । ७० एकड़ क्षेत्र का ७० प्रतिशत क्षेत्र सदा हरित रहेगा।