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अयोध्या (उत्तर प्रदेश) – ´श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास ´ के चंपत राय ने अभी-अभी पत्रकारों को श्रीराम मंदिर के संबंध में पूरी जानकारी दी है । उन्होंने कहा कि ५ वर्ष आयु की प्रभु श्रीराम की मूर्ति स्थापित होने जा रही है । यह मूर्ति चूंकि भगवान के बाल रूप में है, इसलिए मंदिर में माता सीता की कोई मूर्ति नहीं होगी । तीन तलों के श्रीराम मंदिर के दूसरे तल का निर्माण कार्य प्रगति पर है । भूतल (बेसमेंट)का काम पूर्ण हो चुका है, जबकि प्रथम तल का भी ८० प्रतिशत निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है । ७० एकड का ३० प्रतिशत भाग निर्माणाधीन है ।
राय ने बताए मंदिर से संबंधित विशेष सूत्र –
- मुख्य मंदिर ३६० फीट लंबा तथा २३५ फीट चौडा है !
- १६१ फीट ऊंचा होगा मंदिर का शिखर !
- भूतल पर १८ पट होंगे; इनमें १४ पट सोने से मढे हुए हैं !
- पूर्ण परिसर में ७ अन्य मंदिर बनाए जा रहे हैं । इनमें श्रीराम के गुरु ऋषि वशिष्ठ, ऋषि विश्वामित्र, ऋषि वाल्मीकि, अगस्त्य मुनि, राम भक्त केवट, निषादराज एवं माता शबरी के मंदिर सम्मिलित हैं ! यह निर्माण कार्य २०२४ के अंत तक पूरा हो जाएगा !
ऐसे होंगे श्रीरामलला के दर्शन !
- पूर्व दिशा के सिंह द्वार से मंदिर में प्रवेश होगा !
- सिंह द्वार से ३२ सीढियां चढने के उपरांत प्रथम रंगमंडप मिलेगा । यहां की भीतों पर भगवान श्रीराम के जीवन से जुडे चित्र एवं चरित्र उकेरे गए हैं ।
- रंगमंडप से आगे जाने के उपरांत नृत्य मंडप होगा । यहां पत्थरों पर देवी-देवताओं की मूर्तियां एवं रामायण के श्लोक सुंदरता से उकेरे गए हैं ।
- उसके आगे भगवान श्रीरामलला का गर्भगृह है । यहां २२ जनवरी २०२४ को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी श्रीराम लाला की स्थापना करेंगे ।
गत २ शतकों में उत्तर भारत में श्रीराम मंदिर जैसी किसी भव्य वास्तु का निर्माण नहीं हुआ !
श्रीराम मंदिर समान भव्य निर्माण पिछली दो शताब्दियों में उत्तर भारत में नहीं हुआ है । मंदिर की जो दीवारें बनाई जा रही हैं, उस प्रकार की दीवारें तमिलनाडु तथा केरल के मंदिरों में ही बनाई गई हैं । वर्तमान में जो निर्माण कार्य चल रहा है, उसे पूर्ण होने में ६ माह लगेंगे । यहां के उद्यानों में वृद्ध एवं दिव्यांगों के लिए उद्वाहक (लिफ्ट) की सुविधा होगी ।