अधिवक्ता पर डाले गए छापे पर गुजरात उच्च न्यायालय ने आयकर विभाग को लगाई फटकार !
कर्णावती (गुजरात) – ऐसी ही कार्यवाही होती रही, तो देश में कोई भी व्यक्ति सुरक्षित नहीं रहेगा । आप भी सुरक्षित नहीं रहेंगे । हम वर्ष १९७५-७६ के आपातकाल में नहीं रह रहे, जहां आप कहीं भी जा सकते हैं और आपको जो चाहिए वह कर सकते हैं । अचानक छापा क्यों मारा , इस विषय में अधिकारियों को विस्तार सहित उत्तर देना चाहिए, अन्यथा घर का रास्ता खुला है, ऐसे शब्दों में गुजरात उच्च न्यायालय ने आयकर विभाग को फटकार लगाई । साथ ही न्यायालय ने आयकर विभाग के महासंचालकों सहित ८ अधिकारियों को ‘कारण बताओ’ नोटिस भेज कर उन्हें १८ दिसंबर तक उत्तर देने के लिए कहा है । आयकर विभाग ने एक अधिवक्ता के कार्यालय पर छापा मारकर कुछ कागज पत्र जब्त कर उनके परिवार वालों को बंदी बनाया था । इस प्रकरण में संबंधित अधिवक्ता मौलिक शेठ ने उच्च न्यायालय में याचिका प्रविष्ट की थी ।
उच्च न्यायालय ने आयकर विभाग को निम्न शब्दों में फटकार लगाई !
१. अपने अधिकारों का गलत प्रयोग करने के प्रकरण में संबंधित अधिकारी और कर्मचारियों पर आयकर विभाग के कानून के अंतर्गत कार्यवाही क्यों नहीं की गई ?
२. अचानक छापा मारकर आयकर विभाग ने संबंधित अधिवक्ता से जो बर्ताव किया वह अत्यंत दुःखद, दुर्भाग्यपूर्ण और वेदनादायी है ।
३. अधिवक्ताओं के कार्यालय में उनके महत्वपूर्ण कागज पत्र हो सकते हैं । उन कागज पत्रों को आयकर विभाग के अधिकारी हाथ कैसे लगा सकते हैं ? आयकर विभाग के अधिकारी पुलिस अधिकारी हैं क्या ? वे अधिवक्ताओं के कार्यालय के कागज पत्र कैसे जब्त कर सकते हैं ? अधिवक्ता की आय को वे धक्का नहीं लगा सकते । अधिवक्ता जो कुछ कर रहे हैं, वह उनके अधिकार क्षेत्र में रहकर कर रहे हैं ।
४. आयकर विभाग द्वारा कार्यवाही करने के प्रकरण में अधिवक्ताओं को आपत्ति नहीं; परंतु इस प्रकार की कार्यवाही हुई, यह अत्यंत गलत है । जब्त किए पत्र वापस करें, साथ ही आपके द्वारा किए गए कृत्य के विषय में सार्वजनिक क्षमा मांगें, तभी आपको हम छोडेंगे । आपके द्वारा की गई कार्यवाही को कभी भी अनुमति नहीं मिलेगी । हम आपकी कार्यवाही का हिस्सा नहीं बन सकते ।