नेपाल सरकार ने मुसलमानों का धार्मिक कार्यक्रम ‘इज्तिमा’ किया निरस्त !

कार्यक्रम के नाम पर अनेक देशों के बंदीवान कट्टर मुसलमान नेता और मौलाना आनेवाले थे, इसलिए लिया यह निर्णय !

(इज्तिमा का अर्थ है, धार्मिक कार्यक्रम के लिए इकठ्ठा होना)


काठमाण्डु (नेपाल) – नेपाल सरकार ने मुसलमानों की वार्षिक धार्मिक सभा ‘इज्तिमा’ को निरस्त करने ने लिए बाध्य किया है । धार्मिक संवेदनशीलता का कारण बताकर गृहमंत्रालय ने यह निर्णय लिया है । सरकार ने इस सभा के लिए बनाए तंबू तथा अन्य सामग्री २४ घंटों में हटाने का और वहां पहुंचे मुसलमानों को लौटने का आदेश दिया है । जिला प्रशासन को जानकारी मिली थी कि इस कार्यक्रम की आड में कुछ कट्टर मुसलमान धार्मिक नेता और मौलाना आनेवाले थे, जिनपर भारत के साथ-साथ अन्य अनेक देशों ने उनके देश में आने पर प्रतिबंध लगाया है ।

१. नेपाल के पूर्व भाग के सुनसरी जिले के दुहबी और इटहरी में २१ से २३ नवंबर तक इस सभा का आयोजन किया गया था । इस हेतु लगभग कुल ८० एकड भूमिपर तंबू बनाए गए थे । इस सभा के लिए ५० सहस्र लोग उपस्थित रहनेवाले थे । उनके बैठक की व्यवस्था की गई थी । संसार के अनेक इस्लामी देशों से लोगों को बुलाया गया था ।

२. धार्मिक स्तर पर संवेदनशील सुनसरी जिले में मुसलमानों के बडे आयोजन के कारण केवल नेपाल में ही नहीं, किंतु भारतीय सीमा पर भी धार्मिक भावनाएं भडक जाने की आशंका के कारण यह कार्यक्रम निरस्त किया गया ।

३. सुनसरी की जिलाधिकारी हुमकला पांडे ने बताया कि मुसलमानों के इस धार्मिक कार्यक्रम के निमित्त से गृहमंत्रालय को पत्र भेजकर आनेवाली चुनौतियों के संदर्भ में बताकर परामर्श लिया गया था । इस घटना की गंभीरता को देखते हुए उन्होंने किसी भी स्थिति में कार्यक्रम नहीं होना चाहिए, ऐसा बताया गया । तदुपरांत हमने कार्यक्रम निरस्त करने के लिए आयोजकों को बताया ।

संपादकीय भूमिका 

‘नेपाल सरकार का अभिनंदनीय निर्णय !’, ऐसा ही कहना होगा ! जहां हिन्दू बहुसंख्यक हैं और पहले से ही जो विश्व का एकमात्र हिन्दू राष्ट्र है, ऐसे नेपाल द्वारा वर्तमान स्थिति में ऐसा निर्णय लेना प्रशंसनीय ही कहना होगा !