पुलिस की सहायता लेकर कार्यवाही करें, अधिकार न छोडें ! – देहली उच्च न्यायालय

  • देहली की सरकारी भूमि पर जामा मस्जिद का गैरकानूनी नियंत्रण

  • देहली उच्च न्यायालय ने देहली महानगरपालिका को फटकार लगाई !

नई देहली – देहली की प्रसिद्ध जामा मस्जिद के समीप एक सार्वजनिक उपवन पर (बगीचे पर) मस्जिद की ओर से अतिक्रमण कर इसे नियंत्रण में लिया गया है । इस विषय में मोहम्मद अर्सलान ने देहली उच्च न्यायालय में याचिका प्रविष्ट की है । इस पर सुनवाई करते समय न्यायालय ने देहली महानगरपालिका को उपवन को अतिक्रमण से मुक्त न करने पर ‘हम ऐसे युग में नहीं रहते जहां कानून का राज्य नहीं ? तो नगरपालिका उपवन को नियंत्रण मुक्त कर स्वयं के अधिकार में क्यों नहीं ले सकी ?’, ऐसे शब्दों में फटकार लगाई ।

१. सुनवाई के समय महानगर पालिका ने न्यायालय को बताया कि उपवन पर जामा मस्जिद के व्यवस्थापन और शाही इमाम ने गैर कानूनी ढंग से नियंत्रण किया है । उन्होंने वहां ताले भी लगा दिए हैं । वहां महानगरपालिका के अधिकारियों को प्रवेश नहीं करने दिया जाता है । दूसरी ओर देहली वक्फ बोर्ड भी इस पर स्वयं की संपत्ति होने का दावा कर रहा है । (यह न्यायालय में बताते समय महानगरपालिका को शर्म नहीं आई क्या ? ‘हिन्दू’ देश को निगलने वाले ‘वक्फ कानून’ रद्द करने के लिए अब केंद्र सरकार को ही कठोर प्रयास करने चाहिए ! – संपादक)

२. महानगरपालिका की बात सुनकर उच्च न्यायालय ने अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा, ‘सार्वजनिक उपवन पर कोई कैसे नियंत्रण कर सकता है ? महानगरपालिका को कानून के अनुसार उपवन नियंत्रण में लेने के लिए कदम उठाने चाहिए । यदि उसके लिए पुलिस की आवश्यकता है, तो वह भी दी जाएगी । इस प्रकार से सार्वजनिक उपवन पर प्रशासन अधिकार नहीं छोड सकता ।’ (देहली महानगरपालिका अब साहस दिखाएगी क्या ? – संपादक)

संपादकीय भूमिका

  • सभी तंत्र हाथ में होते हुए भी सार्वजनिक संपत्ति मस्जिद की ओर से गैरकानूनी ढंग से नियंत्रण में ली जाती है और महानगरपालिका निष्क्रिय रहती है, यह लज्जास्पद !
  • उपवन को नियंत्रण में लेने तक प्रशासन सो रहा था क्या ? यह प्रकरण न्यायालय में नहीं आता और न्यायालय ने आदेश न दिया होता, तो ‘यह भूमि मस्जिद की ही है’ ऐसा ही जगजाहिर हो जाता !
  • देहली ही नहीं, बल्कि देश भर में मस्जिदों की ओर से ऐसे कितने स्थानों पर सार्वजनिक भूमि पर अतिक्रमण किया गया है, इसकी जांच कर यह भूमि छुडवाने के लिए एक स्वतंत्र विभाग निर्माण करने की आवश्यकता है !