इजरायल द्वारा ‘फॉस्फोरस बम’ का प्रयोग ! – फिलिस्तीन का आरोप

फॉस्फोरस बम वायु में उपलब्ध ऑक्सीजन को शोषण कर करके हड्डियों को पिघला देता है !

जेरूसलम – फिलिस्तीन ने इजरायल पर ‘फॉस्फोरस बम’ का उपयोग करने का आरोप लगाया है जो वायु से ऑक्सीजन शोषित कर हड्डियों को पिघला देता है, इजरायल की इस कार्रवाई को फिलिस्तीन ने युद्ध अपराध कहा है।

कितना घातक है फास्फोरस बम?

सफेद फॉस्फोरस बम को बनाने में रबर तथा सफेद फॉस्फोरस का प्रयोग किया जाता है। फॉस्फोरस एक मोम जैसा रसायन है। यह बम दिखने में हल्का पीला या रंगहीन होता है। इसमें सड़े हुए लहसुन जैसी गंध आती है। यह ऑक्सीजन के संपर्क में आने पर प्रज्वलित हो जाता है। इससे लगी अग्नि का शमन पानी से नहीं होता । जब फॉस्फोरस बम गिरता है, तब उस क्षेत्र में उपलब्ध ऑक्सीजन शीघ्रता से समाप्त होने लगती है। इसलिए, जो लोग बम से लगी आग से बच भी जाते हैं, वे दम घुटने से मृत्यु को प्राप्त करते हैं। पानी डालने के उपरांत यह और अधिक भडकता है तथा प्रचंड प्रमाण में धुआं निर्माण करता है। फॉस्फोरस बम १३०० डिग्री सेल्सियस तक तापमान उत्पन्न कर सकता है। यह हड्डियों को भी पिघला देता है। इस बम के संपर्क में आने वाला व्यक्ति यदि बच भी जाए तो उसे आजीवन मरण यातनाएं भोगनी पडती हैं। उसे निरंतर गंभीर संक्रमणों का सामना करना पडता है। त्वचा संक्रमण प्राय: रक्त प्रवाह में पहुंच जाता है। यह हृदय, यकृत एवं मूत्रपिंड को क्षति पहुंचाता है। इससे शरीर के कई अंगों के बंद होने की संभावना बढ जाती है। यह बम अत्यंत भयंकर माना जाता है।