हिन्दू धर्म के विषय में द्वेषपूर्ण वक्तव्य करने के प्रकरण में दादर पुलिस थाने में परिवाद !
मुंबई (महाराष्ट्र) – सनातन धर्म की तुलना डेंग्यू, मलेरिया, कोरोना, एड्स, कुष्ठरोग आदि रोगों से कर उसे नष्ट करने की भाषा बोलनेवाले तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन, कर्नाटक के ग्रामविकासमंत्री प्रियांक खडगे, तमिलनाडु के द्रमुक के सांसद ए. राजा, राष्ट्रवादी कांग्रेस के विधायक जितेंद्र आव्हाड, साथ ही फेसबुक से उदयनिधि स्टालिन के वक्तव्य का समर्थन करनेवाले पत्रकार निखिल वागळे के विरुद्ध ‘हेट स्पीच’ (द्वेषपूर्ण वक्तव्य देने के लिए) याचिका प्रविष्ट करें, ऐसी मांग हिन्दुत्वनिष्ठों द्वारा की गई है । २ अक्टूबर को हिन्दुत्वनिष्ठों ने दादर के शिवाजी पार्क पुलिस थाने में परिवाद किया है ।
राष्ट्रवादी कांग्रेस के विधायक जितेंद्र आव्हाड ने भी वक्तव्य दिया था कि, ‘सनातन धर्म, अर्थात देश को लगी हुई दीमक है ।’ किसी भी धर्म के विषय में इस प्रकार अशोभनीय, निंदनीय, अपमानजनक वक्तव्य दे कर धार्मिक भावनाएं आहत करना, यह भा.दं. संहिता धारा १५३ (अ), १५३ (ब), २९५ (अ), २९८, ५०५ एवं आई.टी. कानून के अंतर्गत अपराध है । ऐसा परिवाद में पंजीकृत किया गया है । इस कारण हिन्दू धर्म के विषय में द्वेषपूर्ण वक्तव्य करनेवालों को तुरंत बंदी बनाया जाए, ऐसी मांग इस परिवाद में की गई है । इस पर पुलिस ने घटना की निश्चित कर आगे की कार्यवाही का आश्वासन दिया है ।
सर्वोच्च न्यायालय द्वारा स्वयं सरकार को अपराध प्रविष्ट करने का आदेश !
‘हेट स्पीच’ के विषय में सर्वोच्च न्यायालय में चल रही जनहित याचिका पर न्यायमूर्ति के.एम. जोसेफ एवं न्यायमूर्ति बी.वी. नागरत्ना ने २८ अप्रैल को सरकार को निर्देश देते हुए कहा है कि, ‘यदि समाज में कोई भी द्वेष फैलानेवाला वक्तव्य देकर समाज में विवाद उत्पन्न कर रहा हो, तो उनके विरुद्ध किसी के द्वारा परिवाद प्रविष्ट करने की प्रतीक्षा किए बिना सरकार को स्वयं परिवाद प्रविष्ट करना चाहिए ।’ न्यायालय ने स्पष्ट किया है कि, यदि ऐसा करने में विलंब होता है, तो यह सर्वोच्च न्यायालय का अनादर माना जाएगा । हिन्दुत्वनिष्ठों ने परिवाद में कहा है कि, ‘ऐसा होते हुए भी सनातन धर्म के विषय में द्वेषपूर्ण भाषण करनेवालों के विरुद्ध अब तक अपराध प्रविष्ट नहीं किया गया है ।’
… अन्यथा सर्वोच्च न्यायालय का अनादर होने की याचिका प्रविष्ट करेंगे !
परिवाद में लिखा गया है कि, यदि पुलिस द्वारा उचित कार्रवाई नहीं होती है, तो सर्वोच्च न्यायालय का अनादर होने की याचिका प्रविष्ट की जाएगी ।
उदयनिधि स्टालिन का द्वेषपूर्ण वक्तव्य !
चेन्नई के कामराज मैदान में भारतीय मुक्ति संग्राम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का योगदान’ इस विषय पर व्यंगचित्रों के पुस्तक विमोचन समारोह में उदयनिधि स्टालिन बोल रहे थे कि, ‘कुछ बातों का केवल विरोध करने से काम नहीं होता, अपितु उनको जड से नष्ट करना पडता है । डेंग्यू के मच्छर, मलेरिया, कोरोना, ज्वर जैसे रोगों का केवल विरोध करने से नहीं चलेगा । उन्हें नष्ट करना होगा । ठीक उसी प्रकार सनातन (धर्म) को भी नष्ट करना होगा ।