आजमगढ (उत्तर प्रदेश) में प्रार्थना सभा की आड में हिन्दुओं के धर्मांतरण का प्रयास !

सलमान और त्रिभुवन राम नामक दो ईसाई नियंत्रण में !

आजमगढ (उत्तर प्रदेश) – जनपद के मेहराजपुर क्षेत्र के लालमऊ गांव में हिन्दुओं के धर्मांतरण का प्रयत्न करने की घटना सामने आई है । यहांपर सलमान और त्रिभुवन राम नामक दो ईसाइयों ने ध्वनि-विस्तारक यंत्र (लाऊडस्पीकर) का प्रबंध कर एक प्रार्थना सभा का आयोजन किया था । गांव के रवींद्र राम नामक हिन्दू ने इन दो ईसाइयों के विरुद्ध पुलिस में परिवाद लिखवाने पर पुलिस ने तुरंत सलमान और त्रिभुवन राम को नियंत्रण में लिया । इस समय उनके पास से बाइबिल की १० प्रतियां, १ दुपहिया और ध्वनि-विस्तारक यंत्र (लाऊडस्पीकर) अधिग्रहित किया गया । रवींद्र राम ने परिवाद में कहा कि दोनों भी गांव के हिन्दुओं को ईसाई धर्म का स्वीकार करने के लिए लालच दिखा रहे थे और धर्मांतरण के लिए दबाव डाल रहे थे । २४ सितंबर को प्रार्थना सभा की आड में हिन्दुओं के धर्मांतरण का षड्यंत्र रचा गया था । हिन्दुओं को पैसे की लालच के साथ उनके बच्चों को अच्छे स्कूल में शिक्षा देने का आश्वासन दिया जा रहा था । प्रार्थना सभा के लिए कोई अनुमति नहीं ली गई थी । पुलिस ने सलमान और त्रिभुवन राम के विरुद्ध उत्तरप्रदेश धर्मांतरणविरोधी अधिनियम की धारा २०२१ के अंतर्गत अपराध प्रविष्ट कर उन्हें बंदी बनाया ।

संपादकीय भूमिका

  • ‘धर्मांतरित अधिक कट्टर होते हैं’, यह स्पष्ट करनेवाला और एक उदाहरण !
  • ईसाई तथा मुसलमान हिन्दुओं को लालच दिखाकर अथवा बलपूर्वक उनका धर्मांतरण करते हैं । हिन्दू ऐसा कभी नहीं करते । तब भी पुरोगामी (आधुनिकतावादी) और हिन्दूद्वेषी हिन्दुओं को ही असहिष्णु कहते है, यह समझ लें !