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नई देहली – केंद्र सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने १३४ इलेक्ट्रिक उपकरणों के प्रयोग की समयसीमा निश्चित की है । समयसीमा समाप्त होने के पश्चात इन वस्तुओं को ‘ई-कचरा’ (ई-वेस्ट) ठहराकर नष्ट करने के निर्देश प्रसारित किए हैं । यह अवधि समाप्त होने के उपरांत ग्राहकों को वस्तु जमा करके उस संदर्भ में प्रमाणपत्र लेना अनिवार्य है । इन उपकरणों में कपडे धुलाई यंत्र (वाशिंग मशिन), शीतकपाट (फ्रिज), भ्रमणसंगणक (लैपटॉप), भ्रमणभाष संच ( मोबाइल), संगणक, दूरचित्रवाणी संच (टीवी) इत्यादि समाहित हैं । ई-कचरे को नष्ट करना अथवा प्रक्रिया करने का प्रथम प्रकल्प मध्य प्रदेश के भोपाल में निर्माण किया गया है । केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एवं भोपाल स्थानीय प्रशासन द्वारा यह प्रकल्प कार्यान्वित किया जाता है ।
केंद्र सरकार ने देश का ई-कचरा नष्ट करने के लिए १ अप्रैल ,२०२३ को कानून पारित किया है । इसके अनुसार जो कोई ई-कचरे की निर्मिति करेगा, उसी को वह नष्ट करना होगा । कंपनी द्वारा उत्पादित धुलाई यंत्र के लिए १० वर्षों की समयसीमा होगी । धुलाई यंत्र के अधिक उत्पाद अथवा नए संस्करण के उत्पाद के लिए कंपनी को १० वर्ष पूर्व के उत्पादित किए हुए ६० प्रतिशत धुलाई यंत्र नष्ट किए होने का प्रमाणपत्र देना पडेगा । इन नियमों के उल्लंघन से दंड एवं कारावास, दोनों दंड हो सकते हैं । इसीलिए इन उपकरणों का प्रयोग करनेवाले ग्राहकों को समयसीमा समाप्त होने के उपरांत ये उपकरण भंगार के रूप में फेंक देने पडेंगे ।
उपकरण एवं उनकी समयसीमा
फ्रिज | १० वर्ष |
सीलिंग फेन | १० वर्ष |
वाशिंग मशीन | १० वर्ष |
रेडिओ सेट | ८ वर्ष |
स्मार्टफोन / लैपटाप | ५ वर्ष |
टेबलेट / आइपेड | ५ वर्ष |
स्कैनर | ५ वर्ष |