भारत ने दर्शाया विरोध !
कोलंबो (श्रीलंका) – चीन अनुसंधान के छद्मनाम पर अपना अत्याधुनिक जासूसी जहाज ‘शी यान-६’ श्रीलंका भेजने वाला है । चीन ने श्रीलंकाई नौसेना से जो अनुमति मांगी थी, वह उसे मिल गई है । इसके साथ ही रक्षा तथा विदेश मंत्रालय को अनुमति देने की अनुशंसा भी की गई है । इसलिए यह जहाज दि. ६ अक्टूबर को श्रीलंका पहुंचेगा । गत वर्ष भी चीन ने अपना ‘युआन वेलोसिटी-५’ जासूसी जहाज श्रीलंका के हंबनटोटा बंदरगाह पर भेजा था । जिसका भारत ने विरोध किया; तथापि श्रीलंका ने भारत के विरोध की उपेक्षा करते हुए जहाज को आने की अनुमति दे दी थी । अब भी भारत ने गुप्तचर जहाज ‘शी यान-६’ को श्रीलंका आने की अनुमति देने का विरोध किया है, तथापि श्रीलंका के कुछ रक्षा विशेषज्ञों ने भी चीन को ऐसी अनुमति दिए जाने का विरोध किया है ।
The Chinese vessel ‘Shi Yan 6’ is expected to arrive in Sri Lanka, ostensibly for marine research activities, in October. A year ago, a similar port call by a Chinese spy vessel to the island nation had raised security concerns in India | @dp_satish https://t.co/weisLXa6GG
— News18 (@CNNnews18) August 28, 2023
चीन की धूर्तता !
चीन जासूसी जहाजों को अनुसंधान जहाज बताता है किंतु वास्तव में इस पर सैन्य जासूसी तंत्र लगे होते हैं । चीनी जहाज के श्रीलंकाई बंदरगाह पर पहुंचने से भारतीय राज्य आंध्र प्रदेश, केरल तथा तमिलनाडू के तटीय क्षेत्र उसकी पहुंच में रहते हैं । गत वर्ष श्रीलंका के हंबनटोटा में अनुसंधान की आड में पहुंचे एक जहाज पर क्षेपणास्त्र तंत्र लगा हुआ था ।
संपादकीय भूमिकायदि दिवालिया श्रीलंका भारत का विरोध करके इसी तरह चीन की मदद करता रहेगा, जो सर्व संभव ढंग से श्रीलंका की मदद कर रहा है, तो भारत को उसकी मदद करने के विषय में सोचने की आवश्यकता है । लोगों का मानना है कि गांधीवादी वृत्ति अपनाकर भारत को आत्मघात नहीं करना चाहिए ! |