अल्‍पसंख्‍यक मंत्रालय ने उजागर किया १४४ करोड रूपयों का छात्रवृत्ति घोटाला  !

  • अल्‍पसंख्‍योंकों के ८३० मदरसे आदि शैक्षिक संस्‍थान केवल कागज पर !

  • केंद्रीय अन्‍वेषण विभाग जांच करेगा !

नई देहली – अल्‍पसंख्‍यक मंत्रालय ने छात्रवृत्ति की योजना में हुए एक बडे घोटाले का भांडाफोड किया है । इसमें २१ राज्‍यों में १ हजार ५७२ अल्‍पसंख्‍यक शैक्षिक स्‍ंसाथानों में से ८३० संस्‍थान, अर्थात ५३ प्रतिशत संस्‍थान केवल कागज पर हैं । इस प्रकरण की जांच केंद्रीय अन्‍वेषण विभाग को सौंपी गई है । प्रशासकीय अधिकारियों द्वारा फर्जी छात्रों के नाम पर गत ५ वर्षों में १४४ करोड ८३ लाख रुपए का किया गया घोटाला सामने आया है ।

१. छात्रवृत्ति के नाम पर फर्जी मदरसों तथा फर्जी छात्रों के नाम पर करोडों रुपए की छात्रवृत्ति बैंक खातों से निकाल ली गई ।

२. देश में साधारण १ लाख ८० हजार अल्‍पसंख्‍यक शैक्षिक संस्‍थान हैं । उनमें से १ लाख ७५ हजार मदरसों में से केवल २७ हजार मदरसे ही रजिस्‍टर्ड हैं । जो छात्रवृत्ति पाने के पात्र हैं ।

३. यह छात्रवृत्ति पहली कक्षा से लेकर (पीएचडी) तक के छात्रों को दी जाती है ।  इसमें लगभग ४ हजार रुपए से लेकर २५ हजार रुपए तक दिए जाते हैं ।

घोटाले के चौंकाने वाले आंकडे !

  • एक भ्रमणभाष क्रमांक पर २२ छात्रों के नाम रजिस्‍टर्ड ! इसी प्रकार केरल के मल्लपुरम जिला में पिछले ४ वर्षों में ८ लाख छात्रों को छात्रवृत्ति मिली !
  • असम के नौगांव के एक बैंक शाखा में ६६ हजार छात्रवृत्ति के खाते एक ही बार में खोले गए !
  • कश्‍मीर के अंनतनाग के एक महाविद्यालय में ५ हजार विद्यार्थी पढते हैं, लेकिन ७ हजार विद्यार्थियों के नाम पर छात्रवृत्ति !
  • १ लाख ३२ हजार विद्यार्थी हॉस्‍टल में नहीं रहते थे, लेकिन उन्‍हें इसके नाम पर मिलने वाली छात्रवृत्ति दी जा रही थी ।

इस प्रकार घोटाला सामने आया !

१. अल्‍पसंख्‍यक मंत्रालय के सूत्रों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार, वर्ष २०१६ में जब संपूर्ण छात्रवृत्ति की प्रक्रिया को ‘डिजिटलाइज’ किया गया, तो घोटाले की जानकारी सामने आने लगी ।

२. वर्ष २०२२ में जब केंद्रीय मंत्री स्‍मृति ईरानी को अल्‍पसंख्‍यक मंत्रालय का दायित्‍व सौंपा गया, तब इस प्रकरण की गंभीरता को समझते हुए इसकी उच्‍चस्‍तरीय जांच आरंभ हुई ।

३. केंद्र सरकार ने अभी तक अल्‍पसंख्‍यक संस्‍थानों के बच्‍चों के लिए २२ हजार करोड रुपए व्‍यय किए हैं । इसमें पिछले ४ वर्षों से प्रत्‍येक वर्ष २ हजार २३९ करोड रुपये जारी किए गए । देश की विभिन्‍न बैंकों की १२ लाख शाखाओं में से प्रत्‍येक शाखा से साधारण ५ हजार विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति के पैसे जा रहे थे ।

संपादकीय भूमिका 

  • आतंकवाद, लव जिहाद, धर्मांतरण, बलात्‍कार आदि भयावह प्रकारों के केंद्र बने मदरसे भारत के लिए काल बन गए हैं । अभी यह फर्जी मदरसों के फर्जी छात्रों के नाम पर घोटाला किए करोडों रुपए हिन्‍दुओं द्वारा दिए गए कर का पैसा है । इसलिए ऐसे मदरसों पर अब तो स्‍थायीरूप से बंदी क्‍यों न लगाई जाए ?
  • इस घोटाले के लिए उत्तरदायी सभी अधिकारियों को बरखास्‍त कर उनसे इसके पैसे वसूल कर उन्‍हें आजन्‍म कारागृह में ही डालना चाहिए !