सामाजिक माध्यमों पर किए आपत्तिजनक वक्तव्य का परिणाम भोगना ही पडेगा ! – उच्चतम न्यायालय

नई देहली – सामाजिक माध्यमों पर आपत्तिजनक, असभ्य और अपमानास्पद पोस्ट डालने वालों को दंड मिलना आवश्यक है । ऐसे लोग क्षमा मांग कर फौजदारी कार्यवाही से बच नहीं सकते । उन्हें उनके कृत्य का परिणाम भोगना पडेगा, ऐसा उच्चतम न्यायालय ने स्पष्ट किया है । इस समय न्यायालय ने तमिलनाडु के अभिनेता और पूर्व विधायक एस.वी. शेखर के विरोध में प्रविष्ट हुआ मुकदमा रद्द करने से मना कर दिया ।

वर्ष २०१८ में शेखर द्वारा महिला पत्रकारों के संबंध में फेसबुक पर आपत्तिजनक वक्तव्य व्यक्त करने वाली पोस्ट प्रसारित किए जाने पर उनके विरोध में अपराध प्रविष्ट किया गया था । एक महिला पत्रकार ने तमिलनाडु के तत्कालीन राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित पर ‘उन्होंने मेरे गाल को स्पर्श किया’, ऐसा आरोप लगाया था । महिला पत्रकार के इस आरोप के संबंध में शेखर ने फेसबुक पर मत रखा था । उनके पोस्ट के उपरांत बहुत विवाद हुआ । द्रमुक ने उनके त्यागपत्र की मांग की थी । शेखर ने इसके उपरांत क्षमा मांगी और पोस्ट ‘डिलीट’ भी की, परंतु इस पोस्ट से संबंधित, तमिलनाडु में उन पर अनेक अपराध प्रविष्ट किए गए थे ।