(और इनकी सुनिए…) ‘मुसलमानों पर अत्याचार होने वाली स्वतंत्रता को हम लात मारते हैं !’ – मौलाना अब्दुर्रहमान जामई

हरदोई (उत्तर प्रदेश) में स्वतंत्रता दिवस पर मदरसे में हुए भाषण में मौलाना अब्दुर्रहमान जामई का विधान !

(मौलाना अर्थात इस्लाम का विद्वान)

हरदोई (उत्तर प्रदेश) – जिले के गोपामऊ स्थित लाल पीर मस्जिद के मदरसे में १५ अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाया गया । उस समय का मौलाना अब्दुर्रहमान जामई द्वारा किया भाषण सामाजिक माध्यमों पर प्रसारित हो रहा है । इसमें मौलाना कहता है, ‘जिस स्वतंत्रता में मुसलमानों पर अत्याचार होते हैं, ऐसी स्वतंत्रता हमें नहीं चाहिए । हम उस पर लात मारते हैं ।’ इस विषय पर पुलिस अधीक्षक ने बताया कि, इस वीडियो की जांच कर मौलाना पर कार्यवाही की जाएगी ।

(और इनकी सुनिए…) ‘हमें धार्मिक स्वतंत्रता चाहिए !’

भाषण में मौलाना जामई ने आगे कहा कि, मस्जिद पर लगाए जाने वाले भोंपू से अजान सुनने के उपरांत अपराध प्रविष्ट किए जा रहे हैं । ‘मुस्लिम पर्सनल लाॅ’ बदलने का प्रयास किया जा रहा है । यह कैसा लोकतंत्र है ? यह कैसी स्वतंत्रता है ? यह तो मुसलमान के धार्मिक मामलों में घूसखोरी की जा रही है । हमें धार्मिक स्वतंत्रता चाहिए । (धर्मनिरपेक्ष भारत में मुसलमान को जितनी धार्मिक स्वतंत्रता है, उतनी बहुसंख्यक हिन्दुओं को भी नहीं, तो भी इनको सन्तुष्टि नहीं होती, इस पर ध्यान दें! – संपादक)

संपादकीय भूमिका

  • ‘ऐसे मौलानाओं को पाकिस्तान भेज देना चाहिए । वहां उन्हें जितनी स्वतंत्रता का उपभोग करना है करें’, ऐसा कोई कहता है, तो यह गलत नहीं होगा !
  • ऐसी मानसिकता के कारण ही मुसलमानों की देशभक्ति पर लोगों को संदेह होता है । यह भारत के धर्मनिरपेक्षतावादी और आधुनिकतावादी ध्यान में लेंगे क्या ?