संयुक्त राष्ट्रों में चीन ने पुनः एक बार किया पाकिस्तानी आतकंवादियों का समर्थन  !

साजीद मीर को ‘वैश्विक आतंकवादी’ घोषित करने का प्रस्ताव रोका !

न्यूयॉर्क (अमेरिका) – मुंबई में २६ नवंबर २००८ को हुए जिहादी आतंकवादी आक्रमण का भगोडा पाकिस्तानी आतंकवादी साजीद मीर को ‘वैश्विक आतंकवादी’ घोषित करें, इसके लिए भारत एवं अमेरिका द्वारा संयुक्त राष्ट्रों में प्रस्तुत प्रस्ताव चीन ने रोक दिया है । साजीद मीर ‘लश्कर-ए-तोयबा’ का आतंकवादी है । यदि यह प्रस्ताव पारित होता, तो मीर की संपत्ति नियंत्रित (‘फ्रीज’) कर उस पर यात्रा-प्रतिबंध लगाकर हथियारों के व्यापार पर प्रतिबंध लगाया जा सकता था ।  सितंबर में यह स्पष्ट हुआ था; कि चीन ने पहले इस प्रस्ताव को रोक दिया था परंतु अब चीन ने प्रस्ताव को सम्मत करना अस्वीकार कर दिया है ।

१. इस प्रकरण में विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव प्रकाश गुप्ता ने संयुक्त राष्ट्रों में साजीद मीर का एक संभाषण भी सुनाया था । इसमें देखा गया है कि साजीद मीर मुंबई के आक्रमणकारियों को आदेश दे रहा है । वह कहता है, ‘ताज हॉटेल में रहे सभी विदेशी नागरिकों को मार डालो ।’ आक्रमण के १५ वर्ष उपरांत भी साजीद खुलेआम घूम रहा है । उसको एक देश में सभी प्रकार की सुविधाएं मिल रही हैं ।

२. हमने ऐसे आतंकियों को ‘वैश्विक आतंकवादी’ घोषित किया है; परंतु कुछ देश भू-राजनीतिक हितों के कारण संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में ऐसा घोषित नहीं करते । इसका अर्थ ऐसे देशों के पास आतंकवादियों की चुनौती परास्त करने की राजनीतिक इच्छा शक्ति नहीं है ।

संपादकीय भूमिका 

  • एक ओर चीन सदा इस तरह रुकावट डालता आया है, तो दूसरी ओर स्वयं के देश में जिहादी गतिविधियां न हों, इसलिए १० लाख से अधिक मुसलमानों को बंदी बना लि है । चीन की  इस दोहरी नीति को भारत सामने क्यों नहीं लाता ?
  • लोकहित के प्रस्ताव केवल द्वेष के कारण रोकनेवाले चीन जैसे देशों के अधिकार निरस्त करने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नियम बनाने में भारत को दृढता दिखानी चाहिए !