भारतीय दंपति की सवा दो वर्ष की बेटी को उन्हें सौंपने से जर्मनी की न्यायालय का नकार !

लडकी के लैंगिक शोषण होने के आरोप के कारण लडकी सरकार के नियंत्रण में !

बर्लिन (जर्मनी) – बर्लिन के न्यायालय ने भारतीय दंपति की २ वर्ष ३ माह की लडकी को उसके माता-पिता को सुपूर्द करने से मना कर दिया है । न्यायालय ने इस लडकी के पालन-पोषण का दायित्व ‘जर्मनी युथ वेलफेयर कार्यालय’को सौंपा है । वर्ष २०२१ से यह लडकी सरकार के नियंत्रण में है ।

१. इस प्रकरण में भारत सरकार लडकी के माता-पिता की सहायता कर रही है । २ जून को भारत के परराष्ट्र मंत्रालयय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था कि छोटी बच्ची को सरकार के नियंत्रण में रखना, यह सामाजिक, सांस्कृतिक एवं भाषा अधिकार का उल्लंघन है ।

२. भारत के १९ राजकीय पक्ष एवं ५९ सांसदों ने जर्मनी में भारत के राजदूत डॉ. फिलिप एकरमैन को पत्र लिखकर लडकी को उसके माता-पिता को सुपूर्द कर देने की विनती की है ।

क्या है यह प्रकरण ?

इस बच्ची के पिता ‘सॉफ्टवेयर इंजीनियर’ हैं । वे अपनी पत्नी के साथ जर्मनी में रहते हैं । उनकी बच्ची जब ७ माह की थी, तब खेलते समय उसे चोट लग गई । माता-पिता उसे जब अस्तपताल ले गए तो डॉक्टर ने बताया कि उसका लैंगिक शोषण हुआ है । इसलिए जर्मनी के प्रशासकीय अधिकारियों ने उस बच्ची को अपने नियंत्रण में ले लिया । तब से उसके माता-पिता उसे वापस लेने के लिए प्रयत्नरत हैं ।