‘प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया’ के पत्रकार का वीजा बढाना चीन ने किया अस्वीकार !

  • चीन में अब कोई भारतीय पत्रकार नहीं !

  • चीन का आरोप है कि ‘भारत भी चीनी पत्रकारों के साथ ऐसा ही व्यवहार कर रहा है’ !

(वीजा का अर्थ है किसी देश में एक निश्चित अवधि के लिए रहने की अनुमति)

बीजिंग (चीन) – भारत के एकमात्र पत्रकार को भी चीन ने देश छोडने का आदेश दे दिया है । यह पत्रकार ‘प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया’ से संबंध रखते हैं। चीन ने, उनके चीन में रहने से संबद्ध कागज पत्रों का नवीनीकरण नहीं किया । इससे पूर्व भी चीन ने २ भारतीय पत्रकारों का वीजा बढ़ाने को अस्वीकार कर दिया था। इसलिए दोनों को भारत लौटना पड़ा। चीन की ओर से यह आरोप लगाया गया है, ‘भारत भी हमारे पत्रकारों के साथ ऐसा ही व्यवहार करता है।’ भारत से पहले अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के पत्रकारों को भी चीन में इसी तरह का व्यवहार मिला है। डोनाल्ड ट्रंप जब राष्ट्रपति थे, तब उन्होंने चीन के इन कृत्यों को कडा प्रत्युत्तर दिया था।

दोनों देशों के पत्रकारों के विषय पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा कि अभी ही कुछ काल पूर्व भारत में चीनी पत्रकारों के साथ ठीक से व्यवहार नहीं किया गया है । उनसे भेदभाव किया जाता है । तथापि हमें अपेक्षा है कि भारत हमारे पत्रकारों को वीजा जारी करता रहेगा। हम अपेक्षा करते हैं कि भारत में हमारे पत्रकारों के लिए जानबूझकर निर्माण की गई अडचने दूर होंगी एवं ऐसी स्थिति बनेगी जहां दोनों देशों के पत्रकार एक दूसरे के देश में आराम से काम कर सकें।

संपादकीय भूमिका

  • उन्हें पहले यह बताना चाहिए कि भारत ने चीनी पत्रकारों के साथ किस प्रकार का अयोग्य वर्तन किया । यदि भारत में रहने वाले चीनी नागरिक जानबूझ कर भारतीय नियमों का उल्लंघन करते हैं तो भारत उन्हें क्यों सहन करे ?
  • चीन में तानाशाही चलती है , यह संपूर्ण विश्व को ज्ञात है एवं ऐसी घटनाएं आश्चर्यकारी नहीं हैं !