दाबोली (गोवा) – ‘‘प्रत्येक व्यक्ति का मन प्रज्वलित करने के लिए अध्यात्म की आवश्यकता है । यह कार्य सामूहिक सहभाग से होने से भारत को विश्वगुरु बनाया जा सकेगा । इस संदेश को धरातल पर प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंचाया जाना चाहिए ।’’ गोवा के कला एवं संस्कृति मंत्री श्री. गोविंद गावडे ने यह आवाहन किया । गोवा शासन, ‘इंटरनेशनल सेंटर फॉर कल्चरल स्टडीज’, ‘महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय’ एवं ‘भारतीय विद्या भवन, नई देहली’ इन संगठनों के संयुक्त तत्त्वावधान में आयोजित एक दिवसीय ‘सी-२०’ परिषद के उद्घाटन के अवसर पर मंत्री श्री. गोविंद गावडे ने ऐसा प्रतिपादित किया ।
✨Inauguration Ceremony & Lighting the lamp for the #C20 International Conference (the cilvian arm of #G20) working group on Diversity, Inclusion & Mutual Respect.
✨This is the only C20 Event being held in Goa, & is being co-hosted by Maharshi Adhyatma University.#G20Summit pic.twitter.com/lrwfhVrt24
— Maharshi University of Spirituality (@spiritual_uni) May 27, 2023
दाबोली, वास्को के ‘राजहंस नौसेना सभागार’ में २७ मई को ‘जी-२०’ के अंतर्गत ‘सी-२०’ परिषद का आयोजन किया गया था । इस अवसर पर व्यासपीठ पर ‘इंटरनेशनल सेंटर फॉर कल्चरल स्टडीज’ की अध्यक्षा प्रा. डॉ. शशी बाला, ‘सिंगापुर इंडियन चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री’ के मंडल सदस्य श्री. मनीष त्रिपाठी, प्रसिद्ध फिल्म अभिनेत्री पूजा बेदी, ‘स्पिरिच्युअल साईंस रिसर्च फाउंडेशन’ वेबसाइट के संपादक श्री. शॉन क्लार्क तथा ‘महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय’ की शोध समन्वयक श्रीमती श्वेता क्लार्क उपस्थित थीं । कु. कु. ज्योत्स्ना गांधी ने सूत्रसंचालन किया । उद्घाटन समारोह के उपरांत आयोजित विभिन्न विषयों पर आधारित परिचर्चाओं में उपस्थित मान्यवरों ने अपने विषयों का प्रस्तुतीकरण किया ।
परिषद का आरंभ मंत्री श्री. गोविंद गावडे तथा अन्य मान्यवरों के हस्तों सकर्ण दीप से दीपप्रज्वलन कर हुआ । उसके उपरांत शॉल, श्रीफल एवं पुष्पगुच्छ प्रदान कर मान्यवरों का स्वागत किया गया । इस अवसर पर प्रा. डॉ. शशी बाला ने ‘सी-२०’ का ध्वज श्री. शॉन क्लार्क एवं श्रीमती श्वेता क्लार्क को सौंपा । मंत्री श्री. गोविंद गावडे के हस्तों ‘सी-२०’ परिषद से संबंधित ‘वसुधैव कुटुम्बकम् ।’ (संपूर्ण पृथ्वी ही एक परिवार है) लघु चलचित्र का अनावरण किया गया ।
मंत्री गोविंद गावडे ने आगे कहा कि
१. आज के समय में गोवा की पहचान ‘सन, सैंड एंड सी’ (सूर्य, रेत एवं समुद्रतट) यह बन गई है; परंतु गोवा को बडी सांस्कृतिक विरासत प्राप्त है । गोवा ने उपनिवेशवाद के विरुद्ध लडाई लडी है ।
Shri @Govind_Gaude, Honourable Minister for Art & Culture, Sports and Rural Development, congratulating MAV on hosting Goa’s only #C20 International conference. @shweta_ssrf @sean_ssrf#G20 #C20Summit #youarethelight #C20_Summit_Goa pic.twitter.com/4atVF1Jf8o
— Maharshi University of Spirituality (@spiritual_uni) May 27, 2023
२. योग, आयुर्वेद आदि भारत की विश्व को देन है । भारत विश्व का सबसे बडा लोकतंत्र है । ‘जी-२०’ की मेजबानी भारत को मिलना एक ऐतिहासिक क्षण है । भारत ने विश्वगुरु बनने का लक्ष्य रखा है । भारत को नृत्य, साहित्य, चित्रकला, शिल्प आदि की बडी सांस्कृतिक विरासत प्राप्त है । इनके संबंध में बिना किसी अपेक्षा से सभी के साथ लेन-देन होना आवश्यक है ।
३. भारत केवल विकसनशील देश नहीं रहा है, अपितु आज के समय में विकसित एवं महासत्ता के रूप में उसका उदय हो रहा है । नए भारत के निर्माण के लिए सभी का सहभाग तथा अपना अमूल्य समय देने की आवश्यकता है ।