पाकिस्तान में पीडित हिन्दुओं को भारत का वीजा न मिलने के कारण करनी पडती है आत्महत्या ।

गत १२ वर्षों में पाकिस्तान में १४ हजाऱ हिन्दू लडकियों का अपहरण तथा धर्मांतरण

नई देहली – पाकिस्तान के हिन्दुओं को नर्क यातना भोगनी पडती है । हिन्दू लडकियों का अपहण तथा उनका धर्मांतरण यह प्रतिदिन की ही घटना हो गई है । इससे दुखी होकर वहां के हिन्दुओं को भारत आना है; परंतु भारत का वीजा न मिलने के कारण अनेक हिन्दुओं द्वारा आत्महत्या की गई ।

१. सिंध में गुडिया लुहार सहायता समिति के अध्यक्ष मंजी लुहार उर्फ काका ने बताया कि गत ६ माह में उनके ४ परिचित हिन्दुओं ने आत्महत्या कर ली । वह लोग भारत आना चाहते थे; पर उन्हें वीजा नहीं दिया गया । पाकिस्तान में ऐसे सैंकडों हिन्दू परिवार हैं, जिन्हें भारत आने के लिए वीजा नहीं मिल रहा तथा पाकिस्तान में उनके परिवारों की मान-मर्यादा संकट में है ।

२. सिंध के मीरपूर खास के मोहन, भारत के जैसलमेर आना चाहते थे; परंतु ३ वर्षों से उन्हें वीजा नहीं मिला । इससे दुखी होकर उन्होंने विष खा लिया । ऐसे ही कच्छभूरी की एक हिन्दू वृद्ध महिला ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली ।

३. पाकिस्तान से विस्थापित हुए गणेश जयपुर में रहते हैं । उन्होंने बताया कि, उनके मौसा पाकिस्तान के रहीमयार खान में मजदूरी करते हैं । उनकी ६ बेटियां हैं, उनमें से तीन बेटियों को मुसलमानों ने बलपूर्वक इस्लाम में धर्मांतरित कर दिया, तथा एक की हत्या कर दी । अवसर मिलते ही गणेश १० वर्ष पूर्व भारत आ गए ।

४. पाकिस्तान के कोटगुलाम में रहनेवाले विष्णुराम की बेटी नौवीं कक्षा में थी । वहां के कुछ मुसलमान उसे उठा ले गए । लडकी के पिता ने बहुत प्रयास किए पर उन्हें उनकी बेटी नहीं मिली । ऐसे अनेक लोग हैं जिनकी बहन-बेटियों को मुसलमान बलपूर्वक उठा ले जाते हैं । पालक आवाज उठाते हैं; परंतु पुलिस से लेकर न्यायव्यवस्था तक उनकी बातों पर ध्यान नहीं जाता है ।

५. मीरपूर खास के रहनेवाला राव परिवार ३ माह पहले पाकिस्तान से राजस्थान पहुंचा है । उनकी एक बेटी का धर्मांतरण कर दिया गया । राव परिवार के लोगों का कहना है कि, उनकी बेटी अब किस स्थिति में है, यह उन्हें अथवा उनके परिवार में किसी को पता नहीं है ।

६. समाजसेवक रोशन भिल ने बताया कि ऐसा प्रत्येक परिवार अपना अतीत भूलना चाहता है; पर ऐसा नहीं हो पाता । पाकिस्तान में गत १२ वर्षों से १४ हजार हिन्दू बेटियों का अपहरण, धर्मांतरण तथा सामूहिक बलात्कार जैसी घटनाएं सामने आईं हैं ।

७. पाकिस्तान में मुसलमानों के अत्याचारों से व्यथित, वहां के हिन्दुओं ने भारत सरकार से भारत में आश्रय देने की अपील की है । उन्होंने भारत आनेवाले हिन्दू परिवारों को वीजा देने का आग्रह किया है । तथा भारत में जो परिवार हैं उन्हें पाकिस्तान न भेजने की अपील की है ।

संपादकीय भूमिका 

हिन्दुओं की यह दयनीय स्थिति संयुक्त राष्ट्र, अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों आदि को दिखाई नहीं देती क्या ?