नई देहली – रिजर्व बैंक द्वारा २ सहस्र रुपयों के नोट करेंसी से बंद करते हुए उन्हें बैंकों से बदलवाने के लिए कहा गया है । कहा गया है कि नोट बदलते समय परिचयपत्र की आवश्यकता नहीं है अथवा कोई आवेदनपत्र भरने की भी आवश्यकता नहीं है । इस निर्णय के विरुद्ध भाजपा के नेता एवं अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने देहली उच्च न्यायालय में याचिका प्रविष्ट की है ।
2000 के नोट का मामला पहुंचा दिल्ली हाईकोर्ट, कहा- बिना ID कार्ड के बैंक में जमा करने की नहीं मिलनी चाहिए अनुमति#DelhiHighCourt #2000RupeeNote #Delhi #India https://t.co/oX0MMCiRsu
— ABP News (@ABPNews) May 22, 2023
श्री. उपाध्याय ने याचिका में कहा है कि रिजर्व बैंक का निर्णय मनमानी, तर्कहीन तथा राज्य के संविधान की धारा १४ का उल्लंघन है । इस प्रकार के निर्णय से पृथकतावादी, आतंकवादी, माओवादी, अमली पदार्थाें के तस्कर, माफिया, भ्रष्टाचारी आदि लोग इसका अपलाभ लेते हुए काला धन श्वेत करेंगे । इसलिए सभी लोग यह धन बैंक खाते में ही जमा करें । इससे काले धनपर नियंत्रण रखना संभव होगा । देश में आज प्रत्येक व्यक्ति का बैंक खाता है । ऐसा होते हुए भी रिजर्व बैंक बिना परिचयपत्र नोटों का विनिमय करने की अनुमति क्यों दे रहा हे ?, ऐसा प्रश्न इस याचिका में उपस्थित किया गया है ।