स्थानीय आदिवासी मैती समाज के संदर्भ में उच्च न्यायालय के आदेश का कर रहे विरोध !
इंफाल (मणिपुर) – मणिपुर के इंफाल, चुराचंदपुर तथा कांगपोक्पी में ३ मई को रात्रि हिंसा होने के उपरांत मणिपुर के ८ जिलों में संचारबंदी लागू की गई । हिंसा न बढने हेतु अगले ५ दिन के लिए यहां की इंटरनेट सेवा खंडित की गई है । हिंसा पर नियंत्रण पाने हेतु सैन्य एवं असम राइफल्स को आमंत्रित किया गया । उनकी ओर से विविध जिलों में ध्वजारोहण किया गया साथ ही सुरक्षा कारणों से लगभग ४ सहस्र महिलाओं सेना के शिविरों तथा सरकारी आवासों में स्थानांतरित कर दिया गया है । महिला मुक्केबाज मैरी कॉम ने हिंसा के उपरांत ट्वीट किया, ‘मेरा राज्य जल रहा है, कृपया सहायता करें’, ऐसी मांग की है ।
मणिपुर में आदिवासी आंदोलन के बाद हुई हिंसा की वजह से वहां कर्फ्यू लागू है.#ManipurViolence #Manipurhttps://t.co/pw0fFGXwnT
— ABP News (@ABPNews) May 4, 2023
क्या है प्रकरण ?
मणिपुर राज्य में मैती समाज की जनसंख्या ५३ प्रतिशत है । राज्य में म्यानमार तथा बांग्लादेश के लोगों की घुसपैठ होने से इस समाज को अनेक समस्याओं का सामना करना पड रहा है । मैती समाज ने उच्च न्यायालय में याचिका प्रविष्ट कर उसे आदिवासी समाज में प्रविष्ट करने की मांग की है; परंतु राज्य के आदिवासी समाज ने मैती समाज को अपने प्रवर्ग में सम्मिलित कराने का विरोध दर्शाया है । ‘यह समाज हमारी भूमि तथा साधनसंपत्ति पर नियंत्रण पाएगा’, आदिवासियों ने ऐसा भय व्यक्त किया है । इस याचिका पर न्यायालय ने राज्य सरकार को आगामी ४ सप्ताह में विचार कर न्यायालय में उत्तर देने के निर्देश दिए हैं । न्यायालय के इस निर्णय के पश्चात मणिपुर में हिंसा उभरी । विविध विद्यार्थी संगठनों ने ऑल ट्राइबल स्टुंडेंट युनियन के अंतर्गत राज्य के सभी १० जिलों में फेरी निकाली थी ।