नई देहली – भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल हरि कुमार ने जानकारी दी है, ‘हिन्द महासागर में चीन की ३ से ६ युद्ध नौकाएं एक ही समय नियुक्त रहती हैं । उनमें से कुछ ओमान की खाडी में, तो कुछ महासागर की पूर्व दिशा में हैं । साथ ही कुछ चीनी अनुसंधान नौकाएं एवं मछली पकडने वाली नौकाएं महासागर में स्थायी रूप से रह रही हैं । पाकिस्तान के साथ ही अनेक देशों के बंदरगाहों के निकट चीनी युद्ध नौकाओं की उपस्थिति है । इन सभी पर भारतीय नौसेना की कडी निगरानी है । ऐसे में संघर्ष होने की मात्रा बहुत अल्प है; परंतु तो भी हम युद्ध की संभावना को अस्वीकार नहीं कर सकते । ‘चाणक्य डायलॉग’ कार्यक्रम में वे ऐसा बोल रहे थे ।
(सौजन्य: WION)
नौसेना प्रमुख हरि कुमार ने कहा कि
१. महासागर में किसकी उपस्थिति है एवं वे क्या कर रहे हैं, यह ज्ञात करने का हमारा प्रयास है । इस पर सदा निगरानी रखी जा रही है । साथ ही हम विमान, ड्रोन, युद्धनौका, पनडुब्बियां (सबमरींस) नियुक्त कर रहे हैं ।
२. पाकिस्तान गति से अपनी नौसेना का विकास कर रहा है एवं उस दल में नई नई युद्ध नौकाओं को समाहित कर रहा है । चीन ने गत १० वर्षों में अनेक युद्ध नौकाओं एवं पनडुब्बियों का नौसेना में समावेश किया है । चीन तीसरे विमान-वहन युद्ध नौका पर भी काम कर रहा है । चीन अनेक बडी विध्वंसक युद्ध नौकाएं भी विकसित कर रहा है । शीघ्र ही वे चीनी नौसेना में समाहित हो सकते हैं ।