आत्महत्या करनेवालों में अल्प गुण प्राप्त विद्यार्थियों का भी समावेश
भाग्यनगर – आंध्रप्रदेश मध्यवर्ती परीक्षा मंडल द्वारा कक्षा ग्यारहवीं एवं बारहवीं के परीक्षाफल (रिजल्ट) २६ अप्रैल को घोषित किए गए । परीक्षाफल घोषित होने के उपरांत केवल ४८ घंटों में ९ विद्यार्थियों के आत्महत्या करने की धक्कादायक जानकारी सामने आई है । इसके साथ ही अन्य दो विद्यार्थियों के आत्महत्या का असफल प्रयत्न उजागर हुआ है ।
9 छात्रों की आत्महत्या से हिला आंध्र प्रदेश, बोर्ड रिजल्ट में फेल होने के बाद उठाया कदम#AndhraPradesh #Students #Suicide https://t.co/kHOyh1or6L
— ABP News (@ABPNews) April 29, 2023
आंध्रप्रदेश मध्यवर्ती परीक्षा मंडल की ओर से ग्यारहवीं की परीक्षा १५ मार्च से ३ अप्रैल और बारहवीं की परीक्षा १६ मार्च से ४ अप्रैल तक थी । इस परीक्षा के लिए कुल १० लाख ३ सहस्र ९९० विद्यार्थी बैठे थे । इसमें ग्यारहवीं का परीक्षाफल ६१ प्रतिशत और बारहवीं का ७२ प्रतिशत है । इस परीक्षा में कुछ लोगों के अनुत्तीर्ण होने से और कुछ को अपेक्षा से अल्प गुण मिलने पर उन्होंने आत्महत्या की ।
कुछ दिनों पूर्व मुख्य न्यायाधीश ने व्यक्त की थी चिंता !
कुछ दिनों पूर्व सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डी.वाइ. चंद्रचूड ने महाविद्यालयीन विद्यार्थियों की आत्महत्या के सूत्र पर चिंता व्यक्त की थी । उनका प्रश्न था कि हमारी शैक्षणिक संस्था कहां भूल कर रही है ?, जिससे हमारे विद्यार्थियों पर आत्महत्या करने का समय आ गया ।
संपादकीय भूमिकाइसके लिए विद्यार्थीदशा से ही साधना न सिखानेवाले स्वतंत्रताप्राप्ति से लेकर अब तक के सर्वपक्षीय शासनकर्ता उत्तरदायी हैं ! विद्यार्थियों को बचपन से साधना सिखाई होती, तो उनमें असफलता का सामना करने का सामर्थ्य निर्माण हुआ होता और असफलता पर मात करने के लिए प्रयत्ननों की पराकाष्ठा करने की प्रेरणा मिली होती ! |