केरल में चलती रेल में यात्रियों को जलाने के प्रकरणों के पीछे आतंकवादी संगठनों का हाथ !

  • राष्ट्रीय अन्वेषण तंत्र एवं गुप्तचर विभाग का निष्कर्ष

  • प्रमुख संदिग्ध आरोपी शाहरूख सैफी को रत्नागिरी से बंदी बनाया गया था !

केरल में चलती रेल में यात्रियों को जलाने का प्रकरण

रत्नागिरी – केरल में चलती रेल में यात्रियों पर ज्वलनशील पदार्थ फेंककर उन्हें जलाकर मारने के पीछे आतंकवादी संगठनों का हाथ है । राष्ट्रीय अन्वेषण तंत्र (एन.आइ.ए.) एवं गुप्तचर विभाग (आइबी) ने यह निष्कर्ष दिया है । उस दिशा में यहां बंदी बनाए गए आरोपी शाहरूख सैफी की जांच आरंभ की गई है । इस प्रकरण में ३ लोगों की मौत एवं ९ लोग घायल हुए थे । महाराष्ट्र आतंकवाद विरोधी दल (ए.टी.एस.) एवं राष्ट्रीय अन्वेषण तंत्र ने रत्नागिरी पुलिसकर्मियों की सहायता से शाहरूख सैफी को ४ अप्रैल को रात्रि ११.३० बजे यहां रेलस्थानक से नियंत्रण में लिया । तदनंतर उसे केरल आतंकवाद विरोधी दल को सौंपा गया था ।

१. पुलिस की जानकारी के अनुसार प्रमुख संदिग्ध आरोपी शाहरूख सैफी देहली के शाहीन बाग का निवासी है तथा जून २०२२ से उसने अपनी जीवनशैली में परिवर्तन किया था । ऐसा मानना है कि नमाज पढने के लिए अधिक समय बिताने के साथ ही वह कट्टरपंथी बनने की ओर मुड गया था ।

२. ‍यह व्यवसाय से ‘यु ट्युबर’ है तथा ‘यु ट्युब चैनेल’ पर इसके सीमित ‘सबस्क्रायबर’ हैं, किंतु सैफी को कट्टरपंथी बनानेवालों के साथ उसने संपर्क किया होगा, ऐसा उस पर संदेह है ।

३. ‘केरल की रेल में जलाने के प्रकरण में केवले इसी ने यह आक्रमण किया था’, शाहरूख भले ही ऐसा कहता हो, तो भी रेल की आगजनी करने में अन्य लोगों के  सहभागी होने का भी संदेह है ।

४. ‘शाहरूख में धार्मिक कट्टरता के कोई भी लक्षण नहीं है’, ऐसा उसके परिजनों का कहना है, तब भी ‘शाहरूख केरल से अचानक लापता क्यों हुआ ?’ एवं ‘वह उसी रेल में क्यों गया ?’, इसका भी अन्वेषण जारी है ।

संपादकीय भूमिका 

इस से यही सामने आता है कि असामाजिक कृत्य करने के लिए आतंकवादी विविध हथकंडे अपना रहे हैं । ऐसे आतंकवादी संगठनों को जड से उखाड डालना आवश्यक !