पाकिस्तान सरकार की ओर से न्यायाधीशों में फूट डालने का प्रयास !

इस्लामाबाद – उच्चतम न्यायालय ने हाल ही में बताया था कि, पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा में प्रांतीय विधानसभा चुनाव की दिनांक के विषय में चल रहे विवाद पर न्यायालय निर्णय देने वाला है; लेकिन इस विषय में निर्णय आने के पूर्व की शहबाज शरीफ सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय व्यवस्था पर टिप्पणी की है । पाकिस्तान में सत्ताधारी गठबंधन न्यायाधीशों में फूट डालने का प्रयास कर रहा है । शरीफ सरकार और सत्ताधारी गठबंधन ‘पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट’ (पी.डी.एम.) ने पिछले कुछ समय से सीधे उच्चतम न्यायालय पर निशाना साधा है ।

१. चुनाव के दिनांक के संबंध में प्रकरण का निर्णय होने के पूर्व ही शरीफ सरकार ने उच्चतम न्यायालय के रजिस्ट्रार को उसके पद से हटाया । सरकार ने कहा है कि, रजिस्ट्रार इशरत अली ने न्यायमूर्ति काजी फायेेज ईसा के आदेश का पालन नहीं किया । इस कारण उन्हें उनके पद से हटाया गया है ।

पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश उमर अता बंदियाल

२. सत्ताधारी ‘पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट’ (पी.डी.एम.) गठबंधन सरकार मुख्य न्यायाधीश उमर अता बंदियाल को विरोध कर रही है । मुख्य न्यायाधीश उमर अता बंदियाल ने कहा था, यदि आप संसद में गए, तो ऐसे लोग वहां संसद को संबोधित करते हुए दिखेंगे, जो कल तक कारागृह में थे और जो देशद्रोही हैं ।’ इस वक्तव्य पर प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने संसद में तीव्र आपत्ति जताई थी ।