लक्ष्मणपुरी – उत्तर प्रदेश में कक्षा १२ वीं के विद्यार्थियों को मुगलों का इतिहास नहीं पढाया जाएगा । उत्तर प्रदेश शिक्षा मंडल तथा केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा मंडल (सी.बी.एस.ई.) के पाठ्यक्रम में परिवर्तन होने पर मुगलों का इतिहास हटा दिया गया है । नई नीति के अनुसार १२ वीं की पुस्तक से ‘मुगलों का भारत में इतिहास’ से ‘मुगल दरबार’ के पाठ को हटा दिया गया है । इसके साथ ११ वीं की पुस्तक से ‘इस्लाम का उदय’, ‘संस्कृतियों में हुए मतभेद’, ‘औद्योगिक क्रांति’, आदि पाठ भी हटा दिए गए हैं । वर्ष २०२३-२४ से यह परिवर्तन किया गया है ।
NCERT has removed chapters and topics related to ‘Kings and Chronicles; the Mughal Courts (C. 16th and 17th centuries)’ from history book under its new rationalised syllabushttps://t.co/Ze5imUOfkU
— HT Lucknow (@htlucknow) April 2, 2023
नई पीढी को अपनी विरासत की जानकारी देना आवश्यक है ! – उप मुख्य मंत्री बृजेश पाठक
अपनी संस्कृति ही अपनी सांस्कृतिक विरासत है । ‘यह विरासत क्या थी ?’, हमें नई पीढी को बताना चाहिए । प्राचीन काल के लोगों की संस्कृति कहां की थी ? यह बताया ही नहीं गया है ।
(अब इनकी सुनिए ) ‘मुगलों के समय भारत ने बहुत उन्नति की !’ – नवाब इकबाल, भूतपूर्व शिक्षा मंत्री
समाजवादी पार्टी के विधेयक तथा उत्तर प्रदेश राज्य के भूतपूर्व माध्यमिक शिक्षा मंत्री नवाब इकबाल मेहमूद ने कहा, ‘मुस्लिम समाज के विरुद्ध जो कुछ करना संभव है, वह सभी भाजपा की सरकार कर रही है, परंतु इतिहास का पाठ्यक्रम हटाने से क्या होगा ? मुगल काल में भारत ने बहुत उन्नति की थी, इसका विस्मरण कैसे संभव है ? भाजपा केवल मतों की राजनीति के लिए ये सब कर रही है । ताजमहाल, लाल किला तथा कुतुब मीनार का इतिहास केवल भारत के लिए ही मर्यादित नहीं, अपितु पूरे विश्व को उसका इतिहास ज्ञात है ।
संपादकीय भूमिकाउत्तर प्रदेश की योगी सरकार का स्तुत्य निर्णय ! यह निर्णय लेकर पूरे देश में पाठ्यपुस्तकों से होनेवाले आक्रमणकारियों के उदात्तीकरण को रोकना चाहिए ! |