खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह को बनाया बंदी !

१० साथी भी शस्त्रों के साथ बंदी बनाए गए !

खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह

अमृतसर – खालिस्तान समर्थक और ‘वारिस पंजाब दे’ (पंजाब के उत्तराधिकारी ) नामक संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह को पंजाब पुलिस ने जालंधर के नकोदरा परिसर से बंदी बनाया है । उसके पास से भारी मात्रा में शस्त्र हस्तगत किए गए हैं । ऎसा बताया जाता है कि अजनाला थाने का घेराव करने के आरोप में यह कार्रवाई की गयी । उसको बंदी बनाने के उपरांत राज्य में अंतरजाल सेवा २४ घंटे के लिए बंद कर दी गई है, साथ ही राज्य में बड़ी मात्रा में पुलिस बंदोबस्त किया गया है । कहा जा रहा है कि अमृतपाल को अज्ञात स्थान पर ले जाया गया है । पोलिस ने कानून व्यवस्था की स्थिति को बिगडने से रोकने के लिए ऐसा कियाहै , ऎसा कहा जा रहा है । यह भी कहा जा रहा है कि पुलिस ने अमृतपाल के ४ सहयोगियों को भी बंदी बनाया है।

१. अमृतपाल सिंह के विरुद्ध ३ प्रकरण प्रविष्ट हैं । इनमें से २ अपराध अजनाला थाने में प्रविष्ट हैं । पुलिस को सूचना मिली कि अमृतपाल सिंह १८ मार्च को एक कार्यक्रम में शाहकोट मलसीया आ रहा है । पुलिस ने सडक पर अमृतपाल की गाडियों के समूह को घेर लिया । उसी समय अमृतपाल वहां से भाग निकला , जबकि उसके साथियों को पुलिस ने बंदी बना लिया । पुलिस ने डेढ घंटे तक १००  कारों के साथ अमृतपाल का पीछा किया और नकोदरा परिसर में उसे पकड कर बंदी बना लिया ।

२. पुलिस ने अमृतपाल के निकटस्थ सहयोगी भगवंत सिंह उर्फ बाजेके को मोगा स्थित उसके खेत से बंदी बना लिया ।

(और इनकी सुनिए…) ‘सिखों को दास बना लिया है !’ – अमृतपाल सिंह

बंदी बनाए जाने के उपरांत समाचार माध्यमों से वार्ता करते हुए अमृतपाल सिंह ने कहा कि पुलिस ने मुझे पकडने के लिए अपनी पूरी शक्ति लगा दी । मैं जब कीर्तन के लिए जालंधर जा रहा था उस समय मुझे पकड कर बंदी बना लिया गया । सिखों को दास बना लिया गया है ।

संपादकीय भूमिका 

  • अमृतपाल को बंदी बनाना पहला कदम है । सरकार उसे जमानत न दे और उसे कडा से कडा दंड दिलाने के लिए द्रुतगति न्यायालय में प्रकरण चलाकर उसे कठोर दंड दिलाना, दूसरा कदम यह होना चाहिए । उसी प्रकार उसे पंजाब के कारागृह में न रख, उत्तर पूर्व भारत या किसी दक्षिण भारत के अन्य कारागार में रखना चाहिए एवं उसके संगठन पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए ।
  • खालिस्तान आंदोलन को कुचलने के लिए बिना रुके पंजाब, देश के अन्य हिस्सों और विदेशों के खालिस्तानियों के विरुद्ध कार्रवाई करने के प्रयास किए जाने चाहिए !