चीन द्वारा ‘सीसीटीवी’ कैमरों के माध्यम से जासूसी करने के कारण इन पर प्रतिबंध लगाए !

अरुणाचल प्रदेश के विधायक ने प्रधानमंत्री मोदी से की मांग !

इटानगर (अरुणाचल प्रदेश) – चीन ने केवल सीमा पर ही भारत को धोखा दिया ऐसा नहीं, उसने देश के आईटी बुनियादी ढांचे पर भी आक्रमण किया है । चीन में बने ‘सीसीटीवी’ कैमरों पर प्रतिबंध लगाना चाहिए । सरकारी कार्यालयों में चीनी सीसीटीवी कैमरों का प्रयोग न करें, साथ ही सामान्य जनता को इसका उपयोग न करने के लिए सूचना देनी चाहिए, ऐसी मांग पूर्व केंद्रीयमंत्री और अरुणाचल प्रदेश के पासीघाट पश्चिम से कांग्रेस के विधायक निनोंग एरिंग ने पत्र लिखकर प्रधानमंत्री मोदी से मांग की है । एक अनुमान के अनुसार भारत लगे में लगभग २० लाख सीसीटीवी कैमरों में से ९० प्रतिशत अर्थात १८ लाख कैमरे चीन में बने हुए हैं । मुख्यत: भारत के सरकारी कार्यालयों में भी इसी प्रकार के कैमरे लगे हैं ।

विधायक एरिंग ने आगे कहा कि,

१. चीन इन कैमरों का प्रयोग जासूसी के लिए कर सकता है । यह कैमरे चीन की आंख और कान के समान उपयोग में लाए जा सकते हैं ।

२. वर्तमान कानून इस प्रकार की चुनौतियों का सामना करने में असमर्थ है । ऐसी परिस्थिति में भारत की ओर से बडे कदम उठाए जाने की आवश्यकता है ।

३. अमेरिका की एक गुप्तचर कंपनी ने कहा है कि, चीनी ‘हैकर’ विश्व के लिए खतरा बने हुए हैं । हैकर्स ने अभी उत्तर भारत पर लक्ष्य केंद्रित किया है ।