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म्हापसा – एक विदेशी नागरिक कळंगुट के बाजार का वीडिओ बना रहा था, तब वहां के एक धर्मांध मुसलमान ने कलंगुट बाजार के कुछ भाग को ‘पाकिस्तान गली’ तथा ‘मुसलमान गली’ कहकर उल्लेख किया । इसका वीडिओ सामाजिक माध्यमों में प्रसारित होने पर कळंगुट के राष्ट्राभिमानी नागरिकों ने धर्मांध मुसलमान को घुटने पर खडा कर कान पकडकर क्षमा मांगने तथा ‘भारतमाता की जय’ की घोषणा देने को कहा ।
पाकिस्तानच्या टीमला पाठिंबा देणं 'त्या' मुस्लिम गोवेकराला पडले महागात, गुडघे टेकून म्हणाला 'भारत…Watch Video#Goa #DainikGomantak https://t.co/1PDx8rpugt
— Dainik Gomantak TV (@GomantakDainik) February 24, 2023
इस वीडिओ के प्रारंभ में एक विदेशी नागरिक कलंगुट के बाजार का चित्रीकरण करते हुए दिख रहा है । चित्रीकरण करते हुए विदेशी नागरिक मुसलमानबहुल क्षेत्र के निकट पहुंचा तो एक धर्मांध मुसलमान उसे ‘यह पाकिस्तान गली’ तथा ‘मुसलमान गली’ है’, ऐसे बताता हुआ दिख रहा है ।
यह वीडिओ सामाजिक माध्यमों में प्रसारित होने पर कलंगुट के राष्ट्रप्रेमी नागरिकों ने संबंधित धर्मांध से इस विषय पर प्रश्न पूछे और उससे कहा, ‘भारत का खाकर पाकिस्तान को समर्थन देना नहीं चलेगा । गोवा में सभी धर्मों के तथा जाति के लोग आपस में भाईचारे के साथ रहते हैं । तुम यहां आकर ‘पाकिस्तान गली’ तथा ‘मुसलमान गली’ इस प्रकार कहकर तनाव निर्माण कर रहे हो । ऐसा किया तो तुम्हें कलंगुट में व्यवसाय नहीं करने देंगे । तुम्हें पाकिस्तान अच्छा लगता है, तो पाकिस्तान में जाकर व्यवसाय करो । तुमने लोगों की भावना को दुखाया है ।’ इस विषय का समचार देते हुए गोवा के एक पुराने दैनिक ने राष्ट्रभिमानियों के इस कृत्य को ‘कट्टर राष्ट्रवाद’ उल्लेख कर पाकिस्तान प्रेमी मुसलमानों की बाजू ली । इसपर आश्चर्य व्यक्त किया जा रहा है ।
(कलंगुट के नागरिकों की यह कृति राष्ट्राभिमान दिखानेवाली है । पाकिस्तान भारत का शत्रुराष्ट्र है । उसने भारत में आतंकवादी कार्रवाइयां की हैं । सीमापर आतंकी अड्डे खडे किए हैं । इसलिए पाकिस्तान के अन्य देश के साथ खेलते समय केवल धर्म से मुसलमान होने के कारण, गोवा के मुसलमान द्वारा पाकिस्तान के समर्थन में सार्वजनिक रूप से बोलने पर, उनकी इस धर्मांधता (कट्टरता) को उसके ही भाषा में उत्तर देकर उससे क्षमा मंगवाना, यह प्रखर राष्ट्रवाद है । तथा उसे ‘कट्टर राष्ट्रवाद’, ‘विकृत स्वरूप’ इत्यादि बोलनेवाले नियतकालिक हिन्दुद्वेषी ही हैं ! – संपादक)
संपादकीय भूमिका
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