भगवान बालाजी तथा श्री हनुमान द्वारा जो आदेश आते हैं, वही मैं कहता हूं ! – बागेश्‍वर धाम पीठ के पंडित धीरेंद्रकृष्ण शास्त्री

पंडित धीरेंद्रकृष्ण शास्त्री

रायपुर (छत्तीसगढ) – मैं कोई तपस्वी अथवा मन की बात जाननेवाला नहीं हूं । जब मैं गादी पर (बागेश्‍वर धाम पीठ की गादी) बैठा नहीं होता, तब एक सामान्य मनु्ष्य होता हूं, परंतु गादी पर बैठ कर भगवान बालाजी तथा श्री हनुमानजी का स्मरण करने पर जो आदेश मिलते हैं, मैं वही कागज पर लिखता हूं । लोग मेरे पास याचना लेकर आते हैं । तत्पश्चात मैं मेरे गुरुदेव से प्रेरणा लेकर उस याचना पर लेखी भाष्य करता हूं । उसे कागज पर लिखता हूं, यहां के बागेश्‍वर धाम पीठ के पंडित धीरेंद्रकृष्ण शास्त्री ने एक निजी समाचारवाहिनी के प्रतिनिधि को ऐसी जानकारी दी । नागपूर (महाराष्ट्र) के अखिल भारतीय अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के शाम मानव ने उन्हें चमत्कार सिद्ध कर दर्शाने की चुनौती दी है । इस विषय में उन्हें पूछताछ करने पर उन्होंने यह जानकारी दी । पंडित शास्त्री यहां के दिव्य दरबार में नागरिकों की समस्याएं सुनते हैं । विशेषतः उनके मन की बात कहने से पूर्व ही वे उन समस्याआको एक कागज पर लिखने का दावा करते हैं तथा इन समस्याआंपर समाधान भी बताते हैं । इसलिए उनके समर्थक दावा करते हैं कि वे एक सिद्ध पुरुष हैं । पंडित शास्त्री ने आगे कहा, मैं केवल मेरे ईष्ट भगवान का साधक हूं । लोग मेरे पास समस्या लेकर आते हैं । मैं केवल उनकी समस्याआं पर बोलता हूं । उसके आदेश मुझे मेरे गुरु से मिलते हैं ।

लोगों द्वारा अपनी समस्या बताने से पूर्व ही गुरुदेव मुझे जो जानकारी देते हैं मैं वह पूर्व में ही कागज पर लिखता हूं । तदुपरांत लोग ही श्रद्धा से यही हमारी समस्या है, ऐसा स्वीकार करते हैं । मैंने कागज पर लिखी बात वास्तव है अथवा झूठ ?, यह मैं नही, अपितु लोग ही बताते हैं ।

धर्मपरिवर्तन के विरुद्ध कार्य करने के कारण मेरे विरुद्ध षडयंत्र !

पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि मैंने इससे पूर्व ही मेरे विरुद्ध षडयंत्र रचाए जाने की संभावना व्यक्त की थी । जबसे मैंने धर्मपरिवर्तन के विरुद्ध अभियान आरंभ करने का निर्णय लिया, तब से यह षडयंत्र चल रहा है । मेरे दरबार में अनेक लोग भूत-प्रेत की समस्या लेकर आते हैं । मैं धर्मपरिवर्तित भोले-भाले लोगों से कहता हूं कि सनातन धर्म के मंत्रोच्चार में यह भूतबाधा निकलने की शक्ति है । परंतु इसके लिए ‘स्पष्ट करता हूं कि उनको पुन: धर्म में आने की आवश्यकता है ।’

पंडित धीरेंद्र शास्त्री आतंकवादी आक्रमण की जानकारी पूर्व में ही क्यों नहीं देते ?

आप कोरोना महामारी आएगी अथवा‘ आतंकवादी आक्रमण की जानकारी देकर देश को सहायता क्यों नहीं करते ? इस प्रश्‍न पर शास्त्री ने कहा, ‘‘मैं कोई भविष्यवक्ता अथवा‘ ज्योतिषाचार्य नहीं; परंतु जब कोई दरबार में प्रश्‍न लेकर आते हैं, तब मैं मेरे अंदर की प्रेरणा तथा अनुभूति के आधार पर समस्याओं का निरसन करता हूं । जब कोई राजनीतिक नेता मेरे पास आकर राज्य के विषय में प्रश्‍न पूछता है, तब मैं योगायोग तथा संभावना बताता हूं; परंतु यदि किसीने कुछ मांग प्रस्तुत नहीं की, तो प्रश्‍न का निरसन कैसे होगा ?’’