देहली से बंदी बनाए गये धर्मांध जिहादी और खालिस्तानी आतंकवादी, हिन्दुओं की हत्या करने वाले थे !

क्रूरता की परिसीमा ! देहली में एक हिन्दू का शिर काट कर उसके ९ टुकड़े किए !

देहली से बंदी बनाए गये आतंकवादी

नई देहली – भलस्वा डेरी परिसर से बंदी बनाए गए आतंकवादी जगजीत उपनाम याकूब और नौशाद पाकिस्तान की गुप्तचर संस्था आ.ई.एस.आई. के ‘कश्मीर-खालिस्तान’ कक्ष के अंतर्गत कार्यरत थे । उनका लक्ष्य भारत के हिन्दू नेता थे । उन्होंने देहली में राजकुमार नाम के एक हिन्दू व्यक्ति की हत्या की एवं उसके अनेक टुकड़े किए । इसके साथ-साथ अब यह तथ्य सामने आया है कि इस घटना का चलचित्रण भी किया गया था । इन दोनों धर्मांध आतंकवादियों को पंजाब में ४ हिन्दुत्ववादी नेताओं की हत्या का जिम्मेदारी दी गई थी । उनमें से एक शिवसेना नेता हैं । आ.ई.एस.आई. ने पंजाब के साथ-साथ कश्मीर में भी जिहादी आतंकी गतिविधियों को घटित करने के लिए ‘कश्मीर-खालिस्तान’ नाम का गुट बनाया है ।

१. देहली पुलिस अब दोनों की जानकारी पंजाब पुलिस को देगी । इस बात की भी जांच की जा रही है कि दोनों के पास से हस्तगत शस्त्र, उन्हें कहां से मिले । पुलिस गत १ मास से नौशाद पर दृष्टि बनाए थी । यद्यपि इस कालावधि में उसने एक हिन्दू की हत्या कैसे की ? इसकी भी जांच की जा रही है । (पुलिस के ध्यान रखने पर भी यदि ऐसी हत्याएं हो रही हैं, तो पुलिस किस प्रकार निरीक्षण कर रही है, इस पर भी अन्वेषण होना चाहिए ! – संपादक)

२. नौशाद और जग्गा ने राजकुमार को बहला-फुसलाकर १५ दिसंबर २०२२ को अपने घर भलस्वा डेरी में बुलाया और उसका शिर काटकर उसके मृत शरीर के ९ टुकड़े किए । उन्होंने इस घटना का चलचित्रण भी किया और पाकिस्तान में अपने वरिष्ठों को भेजा । जिस व्यक्ति को चलचित्र भेजा गया उसकी पहचान सलमान के रूप में हुई है । दोनों को लक्षित हत्या का चलचित्रीकरण करने का आदेश दिया गया था । देश में दंगे और धार्मिक तनाव निर्माण करने का भी आदेश था ।

३. इन दोनों का पाकिस्तान से संपर्क, धर्मांध आतंकी मोहम्मद आरिफ और लश्कर-ए-तैयबा से कराया था, जो देहली की तिहाड़ जेल में बंद हैं । आरिफ, लाल किला प्रकरण में दोषी करार दिया जा चुका है । नौशाद उस समय इसी कारागार में बंद था । वर्ष २०१८ में मुक्त होने के उपरांत सोहेल पाकिस्तान चला गया । वर्ष २०२२ में जब नौशाद कारागार से बाहर आया तो उसने सोहेल से संपर्क किया । नौशाद की आयु ५६ वर्ष है और पाकिस्तानी आतंकी संगठन हरकत-उल-अंसार से जुडा है।

संपादकीय भूमिका

धर्मांध जिहादी और खालिस्तानी आतंकियों का ये गठजोड़ देश के लिए अत्यधिक भयावह है । समय रहते दोनों आतंकवादी संगठनों का समूल नष्ट न करने का यह परिणाम है । अभी भी इसकी गंभीरता देखते हुए इन दोनों के पोषण करने वाले पाकिस्तान को समाप्त करने के लिए कडे से कडे कदम शीघ्र उठाना नितांत आवश्यक है !