‘तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान’ के आक्रमण के पश्चात पाकिस्तानी मौलवियों का धार्मिक आदेश !

‘जिहाद करने का अधिकार केवल इस्लामिक स्टेट को !’

(मौलवी अर्थात इस्लाम के धार्मिक नेता)

इस्लामाबाद (पाकिस्तान) – पाकिस्तान के विख्यात मौलवियों ने आतंकवाद के विरुद्ध १४ पृष्ठों का धार्मिक आदेश निकालते हुए एवं आतंकवाद की निंदा करते हुए कहा है, ‘जिहाद करने का अधिकार केवल इस्लामिक स्टेट को है’ । यह धार्मिक आदेश ‘तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान’ (टीटीपी) नामक आतंकवादी संगठन के द्वारा पाक के खैबर पख्तुनख्वा एवं बलुचिस्तान प्रांतों में सुरक्षादलों पर अधिक तीव्र आक्रमण करने के उपरांत दिया गया है ।

पाकिस्तान के खैबर पख्तुनख्वा प्रांत में दारुल उलुम पेशावर एवं जामिया दारुल उलुम हक्कानिया के साथ ही अनेक मदरसों से संबंधित मौलवियों ने धार्मिक आदेश दिए हैं । इसमें कहा है कि राज्य की पुलिस एवं सेना के विरुद्ध हाथ में किसी का भी शस्त्र लेना, शरीयत कानून एवं देश के विरुद्ध है । जो कोई पाकिस्तान के संविधान तथा कानून के विरुद्ध विद्रोह करेगा, उसे कानून के अनुसार दंड दिया जाएगा ।

प्रत्येक को ‘जिहाद’ (पवित्र युद्ध) घोषित करने का अधिकार नहीं है । यह विशेषाधिकार केवल इस्लामिक स्टेट के मुखिया को ही है ।

संपादकीय भूमिका

  • पाकिस्तान के इन मौलवियों को इस बात का भान तब नहीं हुआ जब विगत ३ दशकों से अधिक समय से पाक भारत में जिहादी आतंकी गतिविधियों को समर्थन दे रहा था; परंतु आज जब यही जिहादी आतंकवाद पाक को ही निगलने लगा है, तब पाक के मौलवियों की निद्रा खुली है तथा उनको जिहाद का कथित ‘वास्तविक’ अर्थ समझ में आने लगा है, यह ध्यान में लें !
  • इस्लामिक स्टेट द्वारा जिस प्रकार लोगों को मारा गया, यदि पाकिस्तानी मौलवी उसे ‘जिहाद’ कहते हैं, जिसका अर्थ ‘पवित्र युद्ध’ है, तो सच्चे इस्लामवादियों को कहना होगा कि यह इस्लाम के साथ विश्वासघात है ।