कर्नाटक के प्रसिद्ध श्री सिद्धेश्वर स्वामी का देहत्याग

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और श्री सिद्धेश्वर स्वामी

विजयपुर (कर्नाटक) – कर्नाटक के प्रसिद्ध जननयोगाश्रम के श्री सिद्धेश्वर स्वामी ने २ जनवरी के दिन देहत्याग किया । वे ८१ वर्ष के थे । वे पिछले कुछ दिनों से अस्वस्थ थे । स्वामी ‘वॉकिंग गॉड’ (चलता हुआ ईश्वर) के रुप में अपने भक्तों में प्रसिद्ध थे । कर्नाटक सरकार की अधिसूचना के अनुसार श्री सिद्धेश्वर स्वामी के पार्थिवदेह पर ३ जनवरी के दिन अंत्यसंस्कार किया जाएगा । श्री सिद्धेश्वर स्वामी ने ५ वर्ष पूर्व पद्मश्री पुरस्कार को नकार दिया था । इस संबंध में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर जानकारी दी थी ।

श्री सिद्धेश्वर स्वामी के निधन के उपरांत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और देश के अन्य नेताओं ने शोक व्यक्त किया । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘परमपूज्य श्री सिद्धेश्वर स्वामी जी उनके द्वारा समाज के लिए की गई अतुल्य सेवा के लिए स्मरण में रहेंगे । उन्होंने अन्यों के भले के लिए कठिन परिश्रम किया और उनकी विद्वत्तापूर्ण उत्साह के लिए भी उनका आदर किया गया । इस दु:खद परिस्थिति में उनके भक्तों के प्रति सद्भावना व्यक्त करता हूं ।’

श्री सिद्धेश्वर स्वामी और सनातन !

श्री सिद्धेश्वर स्वामी जी को पंचांग दिखाते हुए सनातन के साधक 

वर्ष २०१६ में विजयपुर के एक कार्यक्रम में सनातन के साधकों ने श्री सिद्धेश्वर स्वामी जी से भेंट कर उनके दर्शन लिए । उनके शुभ हाथों से वर्ष २०१६ के ‘सनातन पंचांग’ का लोकार्पण किया गया ।

श्री सिद्धेश्वर स्वामी जी सनातन का पंचांग देखते हुए

स्वामी जी ने व्यासपीठ पर ही सनातन के पंचांग को हाथ में लेकर ‘सनातन पंचांग प्रत्येक के घर में होना चाहिए’, ऐसा आवाहन किया । इस कारण वहां वितरण के लिए लाए हुए सभी २०० पंचांग १ घंटे में ही वितरित हो गए और पुन: २ सहस्र पंचांग लाने पडे । ‘सनातन का कार्य अत्यंत अच्छा है । सनातन के संस्थापक डॉ. आठवले अत्यंत अच्छे ढंग से सभी को जोड रहे हैं । सनातन उत्तम कार्य कर रहा है’, ऐसा उन्होंने बताया था ।