मुंबई, २४ नवंबर (वृत्त) – मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भविष्य देखा, ऐसा दावा करते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस, अंनिस, एवं आधुनिकतावादी लोगों द्वारा मुख्यमंत्री के साथ ज्योतिषशास्त्र की भी आलोचना की गई । इसमें राष्ट्रवादी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार, सांसद श्रीमती. सुप्रिया सुळे, विरोधी पार्टी के नेता अजित पवार आदि सिम्मिलित हैं ।
शिर्डी दौऱ्यात मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदेंनी ज्योतिषाकडून भविष्य पाहिलं? अंधश्रद्धा निर्मुलन समितीकडून निशाणा#EknathShindehttps://t.co/D1vGzsGiyn
— News18Lokmat (@News18lokmat) November 23, 2022
ऐसी चर्चा हो रही है कि २३ नवंबर को गिरगांव के शिवनिका संस्थान के ईशान्येश्वर मंदिर में दर्शन लेने के उपरांत मुख्यमंत्री ने ज्योतिष के पास भविष्य दिखाया । इस विषय में शिक्षामंत्री दीपक केसरकर ने कहा कि मुख्यमंत्री गोशाला देखने के लिए गए थे ।
(कहते हैं) ‘आधुनिक महाराष्ट्र में नई बातें देखने को मिल रही हैं !’ – शरद पवार, राष्ट्रीय अध्यक्ष, राष्ट्रवादी कांग्रेस
हम वर्तमान में नई बातें देख रहे हैं । इससे पूर्व महाराष्ट्र में ऐसा नहीं होता था । मैं कोई ज्योतिषी नहीं हूं । इसलिए मैं कुछ नहीं कह सकता । उस पर मेरा विश्वास भी नहीं है । इसलिए मैं यात्रा को छोडकर हाथ दिखाने कहीं नहीं जाता । निशचित कार्यक्रम रोक कर शिर्डी जाना, पश्चात सिन्नर जाकर किसी को हाथ दिखाना आदि बातें हमारे लिए नई हैं । जनता दिखा देगी कि प्रगतिशील विचारों के राज्य कहे जाने वाले महाराष्ट्र में हमें ये नईं बातें देखने को मिल रही हैं; परंतु ये बातें स्वीकार्य नहीं हैं ।
(कहते हैं) ‘मुख्यमंत्री ज्योतिष देखते हैं, यह सुनकर हम निराश हो गए ! – सांसद सुप्रिया सुळे, राष्ट्रवादी कांग्रेस
डॉ. नरेंद्र दाभोलकर ने अंधश्रद्धा के विरुद्ध लडाई लडी, इसलिए समग्र देश में महाराष्ट्र की अनोखी पहचान निर्मित हुई । महत्त्वपूर्ण पद पर विराजमान व्यक्तियों को श्रद्धा अवश्य रखनी चाहिए; परंतु अंधश्रद्धा के विषय में मेरा मत भिन्न है । आधुनिक राज्य के मुख्यमंत्री ज्योतिष देखते हैं । इस पर क्या कहें ? यह सुनकर हम निराश हैं ।
(कहते हैं) ‘ज्योतिष देखनेवाले आधुनिक राज्य के मुख्यमंत्री के संदर्भ में क्या कहें ?’ – अजित पवार, विरोधी पार्टी के नेता
इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए विधानसभा के विरोधी पार्टी के नेता अजित पवार ने कहा कि क्या ज्योतिष के पास जाकर अपना भविष्य दिखाना उचित है ? २१ वीं शताब्दी में विश्व कहां जा रहा है ? आधुनिक राज्य के मुख्यमंत्री ज्योतिष देखते हैं । यह सुनकर हमें निराशा हुई है ।
संपादकीय भूमिकाहिन्दू धर्म में ज्योतिषशास्त्र का अध्ययन ‘शास्त्र’ के रूप में किया जाता है । इसके विपरीत ज्योतिषशास्त्र का थोडा भी अध्ययन किए बिना उसकी आलोचना करनेवाले वास्तव में अंधविश्वासी हैं ! |