मंगलुरू (कर्नाटक) – यहां रिक्शा में हुए बम विस्फोट के प्रकरण में बंदी बनाए गए जिहादी आतंकवादी शारिक इससे पूर्व भी जिहादी गतिविधियों में लिप्त था, ऐसी जानकारी सामने आई है । १५ अगस्त २०२० को स्वतंत्रता वीर सावरकर का फ्लेक्स फलक लगाने से हुए विवाद के समय २ लोगों पर चाकू से वार किए गए थे । इस आक्रमण में शारिक भी सहभागी था । इस प्रकरण में दो लोगों को बंदी बनाया गया था, जबकि शारिक भाग गया था । २६/११ के मुंबई पर हुए जिहादी आतंकवादी आक्रमण को ९ वर्ष पूर्ण होने के एक दिन उपरांत २७ नवंबर २०२० को मंगलुरू की एक भीत पर शारिक ने लिखा था, कि हमें एलईटी (लष्कर-ए-तोयबा) को बुलाने के लिए बाध्य न करें । इसी प्रकरण में उसको बंदी बनाया गया था ।
Mangaluru auto-rickshaw blast: Passenger was carrying pressure cooker with IED, had faked identity using stolen Aadhar card https://t.co/twsvMuqv06
— OpIndia.com (@OpIndia_com) November 20, 2022
हिन्दू व्यक्ति के नाम से बनावटी (फर्जी) आधारकार्ड बनाकर भाडे पर लिया था घर !
कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री सुधाकर ने कहा कि शारिक रिक्शा में बैठने के उपरांत चालक को स्वयं हिन्दू होने का बता रहा था । इसके लिए उसने अपने पास का आधारकार्ड भी दिखाया था । यह आधारकार्ड एक रेल कर्मचारी का था, जो खो गया था । उसी के नाम पर शारिक ने बनावटी (फर्जी) आधारकार्ड बनवा लिया था । इसी कार्ड के आधार पर उसने हिन्दू बहुसंख्यक क्षेत्र में भाडे पर घर लिया था ।