आरोपी मुसलमान काे बंदी बनाया
पिलीभीत (उत्तर प्रदेश) – नेपाल की एक हिन्दू युवती पर बलात्कार कर उसका धर्मपरिवर्तन करने का आरोप रहनेवाले अमजद को पुलिसकर्मियों ने उत्तरप्रदेश के पिलीभीत जिले में बंदी बनाया है । ९ सितंबर ,२०२४ को अमजद के विरोध में अपराध प्रविष्ट किया गया था । अमजद के साथ उसकी मां कैसर जहाँ, भाई चंगेज तथा रंगीला इनके साथ कुल मिला कर ५ आरोपियों के नाम हैं । अन्य लापता आरोपियों को ढूंढा जा रहा है ।
१. वर्ष २०१३ में पीडित युवती नेपाल के धनघडी में काम कर रही थी । पिलीभीत का टैक्सीचालक अमजद अनेक बार वहां जाता था । स्वयं की पहचान अजय के रूप में बता कर उसने उससे मित्रता की तथा युवती को देहली में नौकरी लगाने का लालच दर्शा कर भारत बुलाया ।
२. पिलीभीत के कलीमनगर में उसकी पत्नी के भाई वाहिद खान के घर युवती को रखा । यहां पीडिता को बंदूक के भय पर बलात्कार करने के साथ उसका धर्मापरिवर्तन कर विवाह करने हेतु दबावतंत्र का उपयोग किया । इसमें अमजद के परिवारजनों ने उसका साथ दिया । इस कालावधि में पीडिता को पिलीभीत में अलग-अलग स्थान पर रखा गया था ।
३. धर्मपरिवर्तन के लिए पीडित युवती के मना करनेे पर ‘मुसलमान बनो, अन्यथा हम तुम्हें मार डालेंगे’, ऐसी धमकी दी गई। जान बचाने के लिए युवती ने इस्लाम धर्म स्वीकार किया । यह धर्मपरिवर्तन बरेली में किया गया । धर्मपरिवर्तन के पश्चात पीडिता का नाम बदल कर मेहरूनिसा रखा गया तथा उस पर गोमांस खाने हेतु दबाव डाला गया ।
४. धर्पपरिवर्तन के उपरांत अमजद ने पीडिता का विवाह अपने भाई फिरोज के साथ कर दिया । फिरोज का विवाह विच्छेद हो गया था तथा उसे ४ बच्चे थे । इस विवाह के लिए पीडिता के विरोध करने पर फिरोज तथा रंगीला ने उसकी जम कर पिटाई की । उसके दूसरे भाई चंगेज ने भी पीडिता पर अनेक बार बलात्कार किया ।
५. पीडिता द्वारा इस प्रकरण में पुलिस थाने में शिकायत करने पर अपराध प्रविष्ट किया गया ।
संपादकीय भूमिकाइन घटनाओं से यह स्पष्ट होता है कि उत्तरप्रदेश में लव जिहादविरोधी कानून होते हुए भी धर्मांध मुसलमानों पर उसका कोई परिणाम हुआ दिखाई नहीं देता । इसलिए इस कानून में वृद्धि कर उसमें फांसी देने के दंड का प्रावधान करना अब आवश्यक हो गया है ! |