धर्म पर हो रहे आघातों को वैधानिक पद्धति से रोकना सभी का कर्तव्य है – सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी, राष्ट्रीय मार्गदर्शक, हिन्दू जनजागृति समिति

उपस्थित धर्मप्रेमियों का मार्गदर्शन करते हुए सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी

जमालपुर (बिहार) – ‘‘आज अनेक हिन्दू माथे पर तिलक लगाना टालते हैं; क्योंकि उन्हें तिलक लगाने के क्या लाभ हैं ?, यह ज्ञात नहीं है । स्वतंत्रता के ७५ वर्ष उपरांत भी हिन्दुओं को धर्म की शिक्षा न दिए जाने का यह परिणाम है; इसलिए प्रत्येक हिन्दू को धर्म समझने के लिए धर्म की शिक्षा लेना महत्त्वपूर्ण है तथा यह समय की मांग भी है । धर्म समझ में आने से उसका आचरण करना सरल हो जाता है तथा उसके कारण धर्म के प्रति स्वाभिमान जागृत होता है । इसके फलस्वरूप हम धर्म पर हो रहे आघात रोकने के लिए सक्षम बनते हैं । अतः इस बैठक में उपस्थित सभी को तथा गांव के सभी हिन्दुओं को धर्म की शिक्षा लेना आवश्यक है । धर्माचरण करना तथा धर्म पर हो रहे आघातों को वैधानिक पद्धति से रोकना सभी का कर्तव्य है ।’’ हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी ने यह मार्गदर्शन किया । यहां के हिन्दुत्वनिष्ठ श्री. देश यादव ने अपने आवास पर गांव के धर्मप्रेमी हिन्दुओं के लिए एक बैठक का आयोजन किया था, उसमें मार्गदर्शन करते हुए वे ऐसा बोल रहे थे । उपस्थित धर्मप्रेमियों ने मार्गदर्शन सुनने पर धर्मशिक्षा लेने का निश्चय किया । इस बैठक में गांव के अनेक धर्मप्रेमी उपस्थित थे ।