गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश) में सड़क पर नमाज पढ़ने वालों के विरुद्ध प्रकरण प्रविष्ट किया गया है !

हिंदू संगठनों के विरोध के उपरांत की गई कार्रवाई !

गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश) – यहां दीपक विहार परिसर में सड़क पर नमाज पढने के विरुद्ध हिंदू संगठनों द्वारा पुलिस को सूचना दिए जाने के उपरांत पुलिस ने इमाम (मस्जिद में नमाज पढाने वाले) और अज्ञात लोगों के विरुद्ध प्रकरण प्रविष्ट किया है । नमाज पढने वालों की पहचान कर उनके विरुद्ध कडी कार्रवाई की जाएगी ।

१. इस संबंध में विश्व हिंदू परिषद के जिला मंत्री विकास मिश्रा ने कहा कि मैंने स्वयं नमाज पठन का वीडियो ट्वीट किया था । यहाँ एक मस्जिद है । पहले वहां एक मदरसा प्रारंभ किया गया था । अब इसे मस्जिद में रूपांतरित कर दिया गया है । इसको लेकर पहले भी विवाद हुआ था । तब मस्जिद नहीं बन पाई थी । इस मस्जिद के ५०० मीटर के परिसर में एक बड़ी मस्जिद भी है । यहां बड़ी संख्या में मुसलमान नमाज पढ सकते हैं, किन्तु संपूर्ण संज्ञान के साथ हिंदूबहुल क्षेत्र में आकर नमाज पढने का मुसलमानों द्वार यह अवैध प्रयत्न किया जा रहा है । यह केवल हिंदुओं को त्रास देने का एक षड्यंत्र है । मेरे ट्वीट के उपरांत पुलिस अधीक्षक ने घटना का संज्ञान लिया है और प्रकरण प्रविष्ट किया है । उन्होंने आश्वासन दिया है कि इस सड़क पर नमाज नहीं पढ़ने दी जाएगी ।

२. स्थानीय लोगों का कहना है कि अवैध नमाज पढने के कारण मार्ग का परिवहन व यातायात अवरुद्ध हो जाता है । इससे आने-जाने में परेशानी होती है । बंदी बना कर पुलिस को उन लोगों के विरुद्ध कडी कार्रवाई करनी चाहिए जो इस के लिए उत्तरदायी हैं ।

संपादकीय भूमिका

  • पुलिस और प्रशासन, जिसके हाथ में सारी व्यवस्था है, उसे वह सब कैसे नहीं दिखाई देता जो हिन्दुओं के संगठनों को दिखाई देता है ? या वे ऎसी घटनाएं देख कर आंखें मूंद लेते हैं ? हिंदुओं को लगता है कि उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सरकार रहते हुए ऐसी स्थिति होनी ही नहीं चाहिए !
  • यदि पुलिस जन विरोध के उपरांत प्रकरण प्रविष्ट कर सकती है, तो पुलिस स्वयं संज्ञान ले कर देश के अन्य हिस्सों में, सम्मिलित लोगों के विरुद्ध कार्रवाई क्यों नहीं करती, जहां सड़कों पर अवैध रूप से नमाज पढी जाती है ?