#Ayurved : पहले खाए गए आहार का पाचन न होते हुए भी लगनेवाली भूख झूठी होती है !

कभी-कभी शरीर के दोषों से दूषित होकर अन्न अग्नि के मार्ग से हटकर थोडा बाजू में जाकर रुक जाता है । ऐसे समय में पहले खाए गए आहार का पाचन हुए बिना ही भूख लगती है । यह भूख झूठी होती है । उसे सचमुच की भूख समझकर खानेवाले मनुष्य के लिए अकाल सेवन किया हुआ आहार विष की भांति मारक सिद्ध होता है ।

झूठी भूख की पहचान करने का एक और लक्षण यह होता है कि भूख की थोडी सी संवेदना होने पर स्वयं को किसी काम में (उदा. कचरा निकालना, फर्श पोंछना, रसोई बनाना) में व्यस्त रखा जाए, तो उससे भूख की संवेदना दूर हो जाती है । उसके कुछ समय उपरांत जब दोषों का पाचन हो जाता है, तब वास्तविक भूख लगती है ।

झूठी भूख को सच समझकर भोजन करने से शरीर में विष के समान पदार्थ बन जाते हैं । कालांतर में ये पदार्थ विकार उत्पन्न करते हैं अथवा विकार को बढाते हैं । उसके कारण पहले दिन के आहार का पूर्णरूप से पाचन होने के लक्षण दिखे बिना सवेरे का आहार लेना टालना चाहिए । ‘आहार’ का अर्थ केवल ठोस अन्न नहीं है; अपितु चाय, कॉफी, दूध, औषधि आदि पेट में लिया जानेवाला कोई भी पदार्थ आहार ही है ।

झूठी भूख दूर करने के लिए थोडा सा गर्म पानी पीएं । उसके कारण एक बाजू में रुका हुआ अन्न पुनः अग्नि के मार्ग में आ जाता है और उस समय अन्न के पचने के लक्षण उत्पन्न होते हैं । कुछ कारणवश ये लक्षण उत्पन्न नहीं हुए तथा भूख के कारण शरीर में कंपन होने लगे अथवा ग्लानि आए, तो उस समय पाचन के लिए हल्का आहार (राजगिरा [एमारैंथ] का लड्डू, खील) लें, जिससे शरीर की शक्ति बनी रहे ।

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