तिथि
कार्तिक शुक्ल द्वितीया (सूर्यसिद्धांत – २७ अक्टूबर २०२२)
अपमृत्यु टालने हेतु धनत्रयोदशी, नरक चतुर्दशी एवं यमद्वितीया के दिन मृत्यु के देवता, ‘यमधर्म’ का पूजन करते हैं । भैयादूज ‘दृक सिद्धांत’ के अनुसार २६ अक्टूबर २०२२ को मनाया जाएगा । ‘इस दिन यमराज अपनी बहन यमुना के घर भोजन करने जाते हैं एवं उस दिन नरक में सड रहे जीवों को वह उस दिन के लिए मुक्त करते हैं ।’
त्योहार मनाने की पद्धति
इस दिन भाई बहन के पास जाए व बहन उसकी आरती उतारे । किसी स्त्री का भाई न हो, तो वह किसी परपुरुष को भाई मानकर उसकी आरती उतारे । यदि यह संभव न हो, तो वह चंद्र को भाई मानकर उसकी आरती करे । इस दिन किसी भी पुरुष को अपने घर पर अथवा अपनी पत्नी के हाथ का अन्न नहीं खाना चाहिए । इस दिन उसे अपनी बहन के घर वस्त्र, गहने इत्यादि लेकर जाना चाहिए और उसके घर भोजन करना चाहिए । ऐसे बताया गया है कि यदि सगी बहन न हो, तो किसी भी बहन के पास अथवा अन्य किसी भी स्त्री को बहन मानकर उसके यहां भोजन करना चाहिए । ॐ