न्यायमूर्ति धनंजय चंद्रचूड बनेंगे भारत के ५० वें सरन्यायाधीश

न्यायमूर्ती धनंजय यशवंत चंद्रचूड

नई देहली – सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति धनंजय यशवंत चंद्रचूड देश के ५० वें सरन्यायाधीश बनेंगे । विद्यमान सरन्यायाधीश उदय उमेश ललित ने अपने उत्तराधिकारी के रूप में केंद्र सरकार को न्या. चंद्रचूड के नाम की अनुशंसा की है । २६ अगस्त २०२२ को सरन्यायाधीश पद पर विराजमान हुए उदय उमेश ललित ८ नवंबर २०२२ को सेवानिवृत्त हो रहे हैं । उनका कार्यकाल केवल ७४ दिनों का था ।

सरकार ने ७ अक्तूबर २०२२ को पत्र लिख कर सरन्यायाधीश ललित को अपना उत्तराधिकारी नियुक्त करने की विनती की । उसके अनुसार सरन्यायाधीश ने सभी न्यायमूर्तियों की उपस्थिति में उपर्युक्त घोषणा की । वरिष्ठता के नियमानुसार सरन्यायाधीश के पश्चात न्या. चंद्रचूड सर्वोच्च न्यायालय के सब से वरिष्ठ न्यायमूर्ति हैं । न्या. चंद्रचूड अब ९ नवंबर २०२२ को अपने पद का कार्यभार संभालेंगे (स्वीकारेंगे) । वे १० नवंबर २०२४ को सेवानिवृत्त होंगे, अर्थात उनका कार्यकाल २ वर्ष का रहेगा ।

पिता के पश्चात पुत्र सरन्यायाधीश होना सर्वोच्च न्यायालय के इतिहास में प्रथम उदाहरण !

न्या. चंद्रचूड के पिता यशवंत विष्णु चंद्रचूड २२ फरवरी १९७८ से ११ जुलाई १९८५ की कालावधि में देश के १६ वें सरन्यायाधीश थे । आजतक सर्वाधिक काल सरन्यायाधीश पद पर रहनेवाले वे प्रथम एवं एकमात्र थे । पिता के पश्चात पुत्र सरन्यायाधीश होना सर्वोच्च न्यायालय के इतिहास में प्रथम उदाहरण है ।